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साल के कितने दिन जाम में बिता देते हैं मुंबई के लोग?

जानिए ट्रैफिक जाम की कितनी बड़ी कीमत चुकाते हैं मुंबईवासी

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वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा

मुंबई में ड्राइविंग करने वालों को देश ही नहीं दुनिया के सबसे खराब ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है. 2018 के एक अंतरराष्ट्रीय सर्वे ने ये साबित कर दिया था. देश की आर्थिक राजधानी में लोग सड़कों पर जाम लगने की स्थिति में खाली सड़कों की तुलना 65% ज्यादा वक्त बिताने को मजबूर होते हैं.

जानिए ट्रैफिक जाम की कितनी बड़ी कीमत चुकाते हैं मुंबईवासी.

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  • दुनिया के 10 सबसे भीड़भाड़ वाले शहरों में शामिल है मुंबई.
  • साल में 11 दिन ट्रैफिक में फंसकर बर्बाद करते हैं मुंबई के लोग.
  • इससे शहर की GDP को करीब 17% का नुकसान.
  • मुंबई में हर दिन काम के लिए आते हैं करीब 7 लाख लोग.
  • अमूमन व्यस्त रहने वाली सड़कों से सफर करने में लगता हैं 1 घंटे से ज्यादा का वक्त.
  • ट्रैफिक की वजह से शहर के उत्तरी इलाके से सेंट्रल इलाके तक सफर में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 350 रुपये का नुकसान.
  • बंद रास्तों की वजह से मुंबईवासियों को हर दिन 100 रुपये वेतन का नुकसान. ईंधन पर होता है 250 रुपये अतिरिक्त खर्च.
  • आवागमन की परेशानियों की वजह से नॉर्थ मुंबई के लोग योग्यता होने के बावजूद साउथ मुंबई में काम करने से कतराते हैं. इस वजह से कंपनियों में योग्य कैंडिडेट की कमी होती है और योग्य कैंडिडेट को नहीं मिल पाती मनचाही नौकरी.
  • ड्राइविंग स्पीड पर भी पड़ रहा असर. 2016 में कांदिवली से बोरीवली तक सफर के लिए एवरेज सपीड थी 40 किमी प्रतिघंटा. 2018 में ये घटकर हुई 23 किमी प्रतिघंटा.
  • दुनिया में चौथी सबसे प्रदूषित मेगा सिटी है मुंबई.

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