राजस्थान पहुंची कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में उमड़े जनसैलाब की बताकर सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर हो रही है.
किस-किसने शेयर की फोटो?: ट्विटर बायो में खुद को कांग्रेस का स्टेट सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर बताने वाले मनीष तिवारी ने फोटो को राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा का स्वागत करती भीड़ का बताकर ट्वीट किया. रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को 3800 से ज्यादा बार लाइक किया जा चुका है और 682 से ज्यादा बार रीट्वीट.
क्या ये सच है ?: नहीं, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर की शाम को राजस्थान की सीमा पर पहुंची. जबकि वायरल हो रही फोटो 3 दिसंबर से ही इंटरनेट पर है. इससे ये तो साफ है कि ये राजस्थान पहुंची भारत जोड़ो यात्रा की फोटो नहीं है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ?: 3 दिसंबर को Pankaj Ji Maharaj नाम के ट्विटर हैंडल से हुए एक ट्वीट में हमें वायरल फोटो से मिलती - जुलती तस्वीरें मिलीं. कैप्शन में बताया गया था कि ये एक भंडारे के कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब है.
इसी ट्विटर हैंडल पर जाने से हमें कुछ और तस्वीरें भी मिलीं, जिनसे हमने वायरल फोटो को मिलाकर देखा. वायरल फोटो में मंच के बगल में बना एक गोलाकार ढांचा है. यही ढांचा पंकज जी महाराज के 3 दिसंबर के ट्वीट में भी है. मंच के ऊपर की छत भी दोनों फोटो में भी एक ही है.
वायरल हो रही एक और तस्वीर को हमने Pankaj Ji Maharaj के ट्विटर हैंडल से 3 दिसंबर को शेयर हुई फोटो से मिलाकर देखा. ऐसे कई साइन हमें मिले, जिससे पुष्टि होती है कि दोनों तस्वीरें एक ही जगह, एक ही समारोह की हैं
वायरल फोटो से मिलती हुई फोटो जिस ट्विटर हैंडल Pankaj Ji Maharaj से हुए ट्वीट में हमें मिली, वहां इसे मथुरा का बताया गया था. हमने इसकी पुष्टि के लिए जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था से संपर्क किया. संस्था के जनरल सैक्रेटरी बाबूराम यादव ने क्विंट से पुष्टि की कि फोटो 3 दिसंबर को मथुरा में हुए सत्संग और भंडारे की है.
वायरल हो रही फोटो 3 दिसंबर की है, जब मथुरा- दिल्ली बायपास स्थित 'जय गुरुदेव आश्रम' में सत्संग और भंडारा हुआ था. ये कार्यक्रम सुबह 8 बजे से सुबह 10:30 बजे तक हुआ था. फोटो में मंच के बगल में जो स्ट्रक्चर दिख रहा है, वो आश्रम के निर्माणाधीन सत्संग भवन का है.बाबूराम यादव, जनरल सैक्रेटरी, जय गुरुदेव दर्म प्रचारक संस्था, मथुरा
पड़ताल का निष्कर्श : मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर जिस फोटो को कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का बताया जा रहा है वो असल में मथुरा के आश्रम में हुए सत्संग और भंडारे की है.
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