वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
कैमरा: शिव कुमार मौर्या
कोविड-19 (Coronavirus) की दूसरी लहर की रफ्तार भले ही दिल्ली में धीमी पड़ती दिख रही हो लेकिन 100 किमी दूर हरियाणा (Haryana) में वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है.
हरियाणा के मुंढल (Mundhal) की रहने वालीं सुमन की मौत से परिवार सदमे में है, लेकिन वो अकेली नहीं हैं, 1 से 11 मई के बीच्, हरियाणा में कोविड-19 से 1,694 मौतें दर्ज की गईं. इसका मतलब है कि औसतन 6 लोग हर घंटे वायरस से मर जाते हैं, यहां निकटतम अस्पताल भी 20 किलोमीटर दूर भिवानी जिले में है. मुंढल 5 सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक है
गांव की पंचायतों का कहना है कि मुंढल में हर घर में कम से कम एक व्यक्ति बुखार और खांसी से बीमार है. वहीं पिछले 20 दिनों में लगभग 60 लोगों की मौत हो चुकी है.
श्मशान राख से भर चुके हैं, यहां कई लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, 20 दिनों में 60 लोग जान गंवा चुके हैं, जो इतनी छोटे गांव के लिए बहुत बड़ी बात है. हमने ऐसी महामारी पहले कभी नहीं देखी. लोगों को बुखार आता है जो 2-3 दिन तक रहता है और फिर वो इंसान नहीं बचता.विजेंदर रोहिला, सरपंच, मुंढल, हरियाणा
गांव में बढ़ते बुखार की शिकायत को देखते हुए रोहिला को भविष्य की चिंता हो रही है. उनके गांव की जनसंख्या करीब 30 हजार है और उनके लिए न तो आइसोलेशन सेंटर मौजूद है और न ही एंबुलेंस की व्यवस्था है.
सबसे करीबी अस्पताल भी गांव से लगभग 30 किलोमीटर दूर है जो गांव के कुछ गरीब लोगों की पहुंच से बहुत दूर है, वो अपने परिवार के किसी भी बीमार सदस्य को इतनी दूर इलाज कराने नहीं ले जा सकते.
मुंढल की रहने वाली तनु की मां सुमन को लगातार 8 दिन तक बुखार था, जांच कराने के बाद पता चला की उन्हें टायफाइड और कोरोना दोनों था. परिवार का कहना है की सुमन को सांस की दिक्कत होने लगी.
हमें हिसार, हांसी और भिवानी में भी अस्पताल में बेड नहीं मिला. बाद में हम सुमन को हांसी के सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ले गए जहां उसे ऑक्सीजन दिया गया. लेकिन वो अब भी तकलीफ में थी, फिर उन्होंने ऑक्सीजन सप्लाई हटा ली और हिसार में रेफर कर दिया. जब हम सुमन को ले जाने लगे तो वो बेहोश हो गई. जब तक हम उसे एमब्यूलेंस तक लेकर गए, वो इस दुनिया से जा चुकी थी.संदीप, सुमन के देवर
हालांकि हरियाणा सरकार ने 50 से अधिक गांवों में आइसोलेशन सेंटर स्थापित कराने और 6700 से अधिक गांवो में घर-घर स्वास्थ्य जांच कराने का वादा किया था, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है की मुंढल में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. वास्तव में बहुत से लोग कोरोना 19 संक्रमण के लक्षण भी नहीं जानते हैं.
मुंढल सरपंच सोरन शर्मा का कहना है कि गांव में एक दिन में सिर्फ 124 लोगों का टेस्ट किया जा रहा है जिसमें 60% लोग कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं. सोरन शर्मा कहते हैं- ‘जो लोग पॉजिटिव आ रहे हैं उनके इलाज के लिए हमारे गांव और आस-पास भी कोई सुविधा नहीं है’ सरपंच ने गांव में कुछ युवाओं को वनस्पति जला कर घूमने को कहा है. बिना मास्क, बिना अस्पताल और बहुत कम टेस्ट के बाद गांव वाले खुद के ही भरोसे पर हैं.
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