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मुंबई: एक ही होटल में कोरोना संक्रमित और आम लोग, क्या ये सेफ है?

दावा किया जा रहा है कि होटल खुलने की वजह से करीब 10 लाख लोगों को काम मिल सकेगा, जो लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ था

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'Mission begin again'- ये है unlock का महाराष्ट्र वाला वर्जन, लेकिन 'Mission begin again' में कुछ ऐसी शर्तें हैं जिससे मिशन का पहिया अटकने का डर है. जैसे 8 जुलाई से होटल खोलने की इजाजत दी गई है और साथ में कहा गया कि है कि स्थानीय प्रशासन चाहे तो किसी होटल में 67% जगह कोरोना के माइल्ड सिम्पटम वाले मरीजों के लिए रखने का आदेश दे सकता है. बाकी में 33% आम लोग रह सकते हैं. इसको लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. सवालों से पहले गाइडलाइंस जान लीजिए.

  • ग्राहकों को होटल में लेने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगा
  • ई-मेन्यू की सुविधा देनी होगी
  • डाइनिंग हॉल की जगह रूम सर्विस देनी होगी
  • ग्राहक के रूम खाली करने के बाद रूम को डिप सैनिटाइज करना होगा
दावा किया जा रहा है कि होटल खुलने की वजह से करीब 10 लाख लोगों को काम मिल सकेगा, जो लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ था.
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किस फैसले को लेकर उठ रहे हैं सवाल

अब वापस लौटते है सरकार के उस फैसले पर जिसे लेकर सवाल उठ रहे है? एक ही होटल में कोरोना माइल्ड लक्षण वाले लोग और आम मेहमान को कैसे रख सकते है ? ये सवाल हमने कुछ होटल के मालिकों से पूछा तो उन्होंने बताया कि फ्लोर अलग लग रहेंगे, लिफ्ट अलग होगी? लेकिन क्या ये कंटेनमेंट जोन के नियम का उल्लंघन नहीं होगा. जैसे अगर किसी बिल्डिंग में कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो उस पूरी इमारत को कंटेनमेंट जोन में बदल दिया जाता है. मतलब न तो यहां से कोई बाहर जा सकता, न अंदर आ सकता है. तो फिर जिस होटल में कोरोना के संदिग्ध रहेंगे उसमें आम लोगों को कैसे ठहराया जा सकता है?

दूसरा सवाल कई बड़े होटलों में सेंट्रलाइज्ड AC होते हैं. इसके पहले खुद सरकार ने गाइडलाइन जारी कर बताया था कि सेंट्रलाइज्ड AC का इस्तेमाल ना करे. इससे कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ता है.

अभी हाल ही में सैकड़ों वैज्ञानिकों ने WHO से कहा है कि कोरोना संक्रमण हवा के जरिए भी हो सकता है. ऐसे में सवाल ये है की ये सब बात सामने होने के बाद भी क्यों सरकार रिस्क ले रही है? एक ही होटल में जब संक्रमित और गैर संक्रमित रहेंगे तो क्या हवा से संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा? और सबसे बड़ा सवाल-होटल खोलने की इजाजत इसलिए दी गई है ताकि लॉकडाउन में भारी आर्थिक किल्लत झेल रहे कारोबारी कुछ कमाई कर सकें लेकिन जो मुंबई कोरोना से इतना त्रस्त है और जिस वक्त देश में कोरोना के नए मामलों का रोज नया रिकॉर्ड बन रहा है वहां कौन उस होटल में ठहरेगा जहां कोरोना संक्रमित ठहरे हुए होंगे? अगर नहीं ठहरेंगे तो क्या होटल खोलने देने की छूट का कोई मतलब रह जाएगा?

'Mission begin again' ऐसे होना जरूरी है?

होटल मालिकों का ये भी कहना है कि 33% ग्राहकों के साथ होटल चलना मुश्किल है, बिजनेस का ब्रेक ईवन 60% पर होता है. इतने नुकसान के साथ होटल चलाना मुश्किल होगा.

'Mission begin again' शायद वक्त की जरूरत है लेकिन ये शुरुआत आगे की तरफ होनी चाहिए, न की पीछे की तरफ. जरा सी लापरवाही से Unlock की पूरी प्रक्रिया खटाई में पड़ सकती है, खासकर मुंबई, ठाणे जैसे भीड़भाड़ वाले शहरों में. इस तथ्य से नजर नहीं फेर सकते कि जब से Unlock शुरू हुआ है तब से कोरोना संक्रमितों की संख्या भी में बढ़ोतरी देखने मिली है. हालत ये है कि कोरोना मामलों में ठाणे ने मुंबई को पीछे छोड़ दिया. नतीजा ये कि ठाणे,नवी मुंबई,कल्याण-डोंबिवली,जैसे शहरों में फिर से सख्ती से फिर एक बार लॉकडाउन लगाना पड़ा है.

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