वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा
दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में 24-25 फरवरी को हुई हिंसा ने कई लोगों से उनके कमाने का जरिया छीन लिया गया. दिल्ली हिंसा में किसी की दुकान जला दी गई, तो किसी का घर लूट लिया गया.
हिंसा के पीड़ित, जलालु्द्दीन की ट्रांसपोर्ट की दो गाड़ियों को इस हिंसा में नुकसान पहुंचा, जिससे उन्हें करीब 6 लाख रुपये का नुकसान हुआ.
“जो भी है सामने है, जो जल गया है. इसी से मेरी रोजी-रोटी थी. अब कमाने का कोई जरिया नहीं है. अब आगे क्या करूंगा मैं? हम किससे दंगा करने गए थे? हमने किसी का क्या बिगाड़ा था?”जलालु्द्दीन, पीड़ित
एक और पीड़ित हैं योगेंद्र शर्मा, जिन्हें इस हिंसा के कारण 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ. उन्होंने पिछले साल 16 अप्रैल को ही एक रेस्टोरेंट खोला था, जो इस हिंसा में खाक कर दिया गया. इस रेस्टोरेंट को खोलने के लिए उन्होंने गांव की जमीन-जायदाद भी बेच दी थी. शर्मा कहते हैं कि अब उनके पास बिल्कुल भी पैसे नहीं है, सरकार का मुआवजा कब मिलेगा, ये भी साफ नहीं है.
हाजी अजमेरी मलिक की जूते और कपड़े की दुकान को नुकसान पहुंचा है, जिससे उन्हें करीब 1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
ऑटो चलाने वाले विशंभर सिंह ने पांच सालों में जाकर अपनी ऑटो की किश्त भरी थी, लेकिन हिंसा में वो कुछ मिनटों में ही जला दी गई. सिंह को नहीं मालूम की अब आगे वो क्या करेंगे.
ऐसे ही कई परिवार हैं, कई लोग हैं जिनसे इस हिंसा ने उनकी रोजी-रोटी छीन ली. दिल्ली हिंसा में दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्सटेबल समेत 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने मामले में 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की है. दिल्ली सरकार ने पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है.
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