23 अप्रैल को गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. लोकसभा चुनाव की कवरेज के लिए क्विंट की टीम पहुंची मालवण गांव. ये गांव गुजरात के सौराष्ट्र इलाके में आता है. यहां चौपाल में हमने गांव के लोगों से उनकी समस्याएं जानने की कोशिश की.
इस गांव के किसान और आस-पास के गांव के लोगों की राज्य और केंद्र सरकार से कई शिकायतें हैं. इसमें फसल बीमा और MSP जैसे मुद्दे भी शामिल हैं. इसके अलावा यहां पानी, बिजली की कटौती से भी लोग काफी परेशान हैं.
जब भी हम नर्मदा कैनाल में पानी के लिए मशीन लगाते हैं तो SRP आकर उनके पंप हटा देती है या पाइप काट देती है. ताकि छोटी कैनाल में पानी न जा सके. किसान क्या करेगा? और हमारा पंप हटाकर वो या पानी आस-पास के कंपनी में पहुंचाते हैं. यहां तक की मेन कैनाल के पास जिन किसानों की जमीन है उन्हें भी पानी लेने की मनाही है.प्रवीन पटेल, किसान
मालवण के किसान बिजली की समस्या से भी लगातार जूझते हैं, स्थानीय किसान अशोक पटेल का कहना है कि-
जो बिजली दिन के वक्त आनी चाहिए वो रात में आती है. रात में सभी तरह के जानवर-कीड़े खेत में होते हैं, और जब हम खेत में जाते हैं तो हमारी बीवी इस डर में रहती हैं कि हम वापस भी आएंगे या नहीं.
किसान राज्य सरकार से काफी नाराज हैं उनका कहना है कि बीजेपी सरकार किसान विरोधी है और किसानों के बारे में ज्यादा नहीं सोचती है न ही काम करती है. उनका ये भी कहना है कि अगर आने वाले वक्त में बीजेपी ने किसानों के हित में काम नहीं किया तो बीजेपी को जाना होगा और कांग्रेस आएगी.
स्थानीय किसान चंद्रकांत पटेल का कहना है कि-
ये सरकार जवानों की बात कर रही है, लेकिन किसानों पर ध्यान नहीं दे रही है. अगर उन्होंने किसान और उनकी समस्या को अनदेखा किया तो सरकार को बहुत दिक्कतों का सामना करना होगा. अगर ये किसानों के लिए काम नहीं करेंगे तो हम इन्हें (बीजेपी) वोट नहीं देंगे.
2017 के विधानसभा चुनाव में ग्रामीण इलाकों में बीजेपी का प्रदर्शन अपेक्षाकृत खराब रहा था.
अगर पार्टी को गुजरात में 2014 जैसी क्लीन स्वीप चाहिए तो उसे एंटी-नेशनल जैसे नैरेटिव से हटकर किसानों की समस्याओं की तरफ ध्यान देना होगा.
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