मिजोरम के सरछिप जिले के थेन्जॉल कस्बे में कम से कम 152 लोग 'स्क्रब टाइफस' बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.
'स्क्रब टाइफस' को 'बुश टाइफस' भी कहा जाता है, जो ऑरेंटिया सुसुगामुशी नाम के कीटाणु की वजह से होता है.
अधिकारियों के मुताबिक ये बीमारी बीते साल नवंबर में फैलनी शुरू हुई थी. स्क्रब टाइफस से 2018 में थेन्जॉल में दो लोगों की मौत हुई है. 2012 से अब तक इस बीमारी से 50 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 2,000 से ज्यादा लोग इससे पीड़ित हुए हैं.
स्क्रब टाइफस के लक्षण और संकेत
स्क्रब टाइफस के सामान्य लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द और कभी-कभी शरीर पर चकत्ते होना शामिल है.
सेंट्रर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक स्क्रब टाइफस के लक्षण आमतौर पर संक्रमित लार्वा माइट्स (पिस्सुओं) के काटने के 10 दिनों में सामने आने लगते हैं.
- बुखार और ठंड लगना
- सिर दर्द
- शरीर और मांसपेशियों में दर्द
- पिस्सुओं के काटने की जगह पर निशान
- मानसिक बदलाव (कन्फ्यूजन से लेकर कोमा)
- बढ़े हुए लिम्फ नोड्स
- चकत्ते
जो लोग इससे गंभीर रूप से पीड़ित होते हैं उनके अंग काम करना बंद कर सकते हैं, ब्लीडिंग हो सकती है.
स्क्रब टाइफस से बचने के लिए उन जगहों पर जाने से बचें, जहां पिस्सू बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं. ऐसी जगहों पर जाना ही पड़े, तो ऐसे कपड़े पहनें कि कीड़े न काट सकें.
(इनपुट- भाषा, सेंट्रर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन)
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