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JEE, NEET हो या नहीं? 2 स्टूडेंट के बीच डिबेट

JEE & NEET सितंबर में कराना सुरक्षित है? देखिए 2 छात्रों के बीच डिबेट 

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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन, परीक्षा स्थल पर केवल 50% सीटों का उपयोग और छात्रों को COVID-19 डिक्लेरेशन देने के साथ ही NTA नवंबर में JEE MAIN और NEET UG के लिए कमर कस चुका है, लेकिन क्या छात्र वास्तव में इसके लिए तैयार हैं?

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द क्विंट ने छात्रों से उनका पक्ष जानना चाहा, कुछ बच्चे चाहते हैं कि परीक्षा को टाला जाए, लेकिन कुछ का मानना है कि टालने से सिर्फ पढ़ाई का साल ही खराब होगा.

JEE & NEET सितंबर में कराना सुरक्षित है?

परीक्षा को टालने को लेकर NEET अभ्यर्थी आरुषि सारंगी कहती हैं कि, 'हमें परीक्षा हॉल में भीड़ से बचने के लिए प्रवेश के लिए अलग स्लॉट दिए गए हैं लेकिन परीक्षा हॉल छोड़ने के लिए ऐसा कोई स्लॉट नहीं दिया गया. इसका मतलब है कि हम वहां होने वाली भीड़ की कल्पना कर सकते हैं, साथ ही, बहुत सारे परीक्षा केंद्र हैं, क्या गारंटी है कि इनमें से प्रत्येक परीक्षा केंद्रों में इन नियमों का पालन किया जाएगा?

वहीं परीक्षा को न टालने के पक्ष में JEE अभ्यर्थी अनिकेत मिश्रा का कहना है कि, 'जो इसे टालना चाहते हैं वो क्या लिखित में दे सकते हैं कि नवंबर या दिसंबर में COVID-19 वाली स्थिति बेहतर हो जाएगी. NTA ने SOP बनाई है, लेकिन इम्प्लीमेंट तो छात्र करेंगे. अगर छात्र ही इसका अमल नहीं करेंगे तो NTA भी इसमें क्या कर सकता है?

परीक्षा स्थगित करने से शैक्षणिक सत्र में देरी नहीं होगी?

JEE अभ्यर्थी अनिकेत मिश्रा कहते हैं- हमें एक सेमेस्टर का नुकसान हो चुका है अगर अब परीक्षा नवंबर-दिसंबर में होती है तो हो सकता की पढ़ाई के लिहाज से साल खराब हो जाए.

NEET अभ्यर्थी आरुषि सारंगी कहती हैं- एम्स के पूर्व निदेशक और आईआईटी के निदेशक दोनों ने दावा किया कि वे शैक्षणिक कैलेंडर समायोजित कर सकते हैं और ये संभव है छुट्टियों में कटौती करने और शायद अतिरिक्त कक्षाएं लेने से.

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उन छात्रों का क्या होगा जो परीक्षा नहीं दे सकते?

JEE अभ्यर्थी अनिकेत मिश्रा का कहना है- बाढ़ या ट्रांसपोर्टेशन की समस्या से अगर छात्र एग्जाम सेंटर नहीं पहुंच पाते हैं तो प्रशासन को उनके लिए स्पेशल एग्जाम का बंदोबस्त करना चाहिए और एडमिशन प्रोसेस स्पेशल होनी चाहिए.

NEET अभ्यर्थी आरुषि सारंगी का मानना है- अगर परीक्षाएं सितंबर में होती हैं तो ये छात्रों और उनके परिवार के लिए बहुत बड़ा अन्याय होगा. कई लोगों के लिए ये उनका अंतिम प्रयास है और ये उनकी गलती नहीं है कि वे परीक्षा नहीं दे पाएंगे क्योंकि उन्हें COVID -19 का संक्रमण है या उसका डर है.

जान या जहां?

JEE अभ्यर्थी अनिकेत मिश्रा का मानना है कि कोरोना वॉरियर, पुलिस डॉक्टर 24 घंटे काम कर रहे हैं, देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए. तो हमें परीक्षा क्यों नहीं देनी चाहिए? सिर्फ एक दिन सारी एहतियात के साथ, क्यों नहीं?

NEET अभ्यर्थी आरुषि सारंगी कहती हैं- एकेडमिक कैलेंडर के नुकसान की भरपाई की जा सकती है लेकिन जीवन के नुकसान की नहीं हो सकती

बता दें कि 1 से 6 सितंबर के बीच JEE मेन्स, 27 सितंबर को JEE एडवांस, वहीं, NEET UG 13 सितंबर को होगी.

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