देश भर में मंदी की वजह से बड़ी तादाद में लोग बेरोजगार हुए हैं. रोजगार न होने की वजह से इस साल इनकी दिवाली फीकी हो चुकी है. क्विंट ने मंदी के चलते नौकरी खो चुके कुछ लोगों से उनका हालचाल लिया.
ऑटो कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी गुरमीत सिंह ने अपना दर्द कुछ यूं बयां किया
मुझे मंदी का हवाला देकर नौकरी से निकाल दिया.अब मेरे पास घर जाने के लिए भी पैसे नहीं हैं.
ऑटो सेक्टर की मंदी से नौकरी पर आफत
गुरमीत को इस साल ऑटो सेक्टर में मंदी की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया. वह मानेसर की एक ऑटो यूनिट में काम करते थे. गुरमीत उन लाखों ऑटो वर्कर्स में से एक है जो इस सेक्टर की मंदी और इकनॉमिक स्लोडाउन के चलते जॉब खो चुके हैं.
गुरमीत की तरह ही ऐसे कई लोग हैं, जो रोजगार न होने की वजह से दिवाली नहीं मना पा रहे हैं. गुजरात में सूरत से लेकर कर्नाटक के पीन्या और मानेसर के ऑटो हब से लेकर यूपी के मुजफ्फरनगर तक रोजगार के बगैर कई लोगों की दिवाली काली हो गई है.
रीता रानी उन होमगार्ड्स में शामिल हैं, जिन्हें यूपी में हाल निकाल दिया गया. वह कहती हैं कि उन्हें दिवाली का बोनस नहीं चाहिए. उन्हें तो सिर्फ अपना रोजगार चाहिए. कर्नाटक में इंडस्ट्रियल हब में भी काफी लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं. कंपनियों ने नौकरी से तो निकाला ही सैलरी भी नहीं दी.
इस दिवाली नौकरी के लिए दुआ करूंगा
मानेसर में फैक्ट्री वर्कर राजीव कुार पांडे की नौकरी दिवाली से 15 दिन पहले चली गई. वह कहते हैं नौकरी ढूंढ रहा हूं. लेकिन अब तक नहीं मिली है. कोई रास्ता नहीं दिख रहा है.नौकरी खो चुके संतोष जगताप कहते हैं कि वह मां लक्ष्मी से प्रार्थना करूंगा कि जल्द नौकरी मिल जाए ताकि परिवार चला सकें.
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