क्विंट की चुनावी चौपाल का कारवां पहुंचा महाराष्ट्र के बारामती में. पुणे जिले का ये इलाका एनसीपी नेता शरद पवार का गढ़ माना जाता है. पवार की बेटी सुप्रिया सुले यहां की सांसद है. बारामती में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.
पहली बार वोट देने जा रहे लोग किन मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान करेंगे, ये जानने क्विंट पहुंचा इंदापुर के विद्या प्रतिष्ठान पॉलिटेक्निक कॉलेज.
यहां के स्टूडेंट्स का कहना है कि वो सब सोच समझकर वोट करने जाएंगे. सरकार के पिछले 5 सालों के कामकाज, छात्रों के लिए योजनाएं और पढ़ाई में किए गए बदलाव को ध्यान में रखकर ही वोट देंगे.
जाति या कैंडिडेट में से किसे देख कर वोट देने के सवाल पर एक छात्रा ने कहा की हम विकास के पैमाने पर मतदान करेंगे. पहले यहां पॉलिटेक्निक कॉलेज नहीं था, सुप्रिया सुले ने इसे बनवाया तो हम उन्हीं को वोट देंगे.
बेरोजगारी के मुद्दे पर भी यहां के स्टूडेंट्स ने अपनी राय बेबाकी से रखी. एक छात्र ने बताया कि बेरोजगारी देश ही नहीं यहां पर भी बड़ा मुद्दा है. जो सरकार सत्ता में है वो सिर्फ बताती है कि बेरोजगारी कम हुई है, स्टार्टअप इंडिया शुरू हुआ है लेकिन ये सब दिखाने वाली बात है.
छात्र संबाजी बोराटे ने इस बात पर सवाल पूछे जाने पर ये कहा:
मोदी सरकार पिछली सरकार के मुद्दों पर काम कर रही है. जैसे आधार कार्ड पिछली सरकार की स्कीम थी लेकिन इस सरकार ने उस पर काम किया. केंद्र सरकार के कुछ फैसले अच्छे भी है. लेकिन बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों पर वो कुछ नहीं सोच रहीसंबाजी बोराटे
प्रधानमंत्री पद के लिए नितिन गडकरी का नाम कई दिनों से सुर्खियों में है. इस बारे में तमाम अटकलें लगाई जा रही है कि किन हालातों में गडकरी पीएम पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. गडकरी को लेकर स्टूडेंट्स के बीच क्या राय है, क्विंट ने जाना.
“जब से देश आजाद हुआ है, तब से महाराष्ट्र से एक भी प्रधानमंत्री नहीं बना. इस बार हम चाहते है कि या तो शरद पवार, नहीं तो नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए”संबाजी बोराटे
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