ये जो इंडिया है ना... यहां, आपका नाम भंवरलाल हो, या मोहम्मद, क्या आपको अपने धर्म के कारण थप्पड़ मारा जाना चाहिए, पीटा जाना चाहिए, या मार दिया जाना चाहिए?
हर बार जब बीजेपी कार्यकर्ता दिनेश कुशवाहा ने भंवरलाल जैन को थप्पड़ मारा, उसने भारत की धर्मनिरपेक्षता को थप्पड़ मारा.
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि उसने अपनी पहचान नहीं बताई. अरे, लेकिन ये दिनेश कुशवाहा होता कौन है कि 65 साल के शख्स से पूछे कि क्या वो मोहम्मद है? कि उसका आधार कार्ड मांगे? उसे थप्पड़ मारे? बार-बार? पुलिस भी ऐसा नहीं कर सकती.
लेकिन आज, बीजेपी के बड़े नेताओं की चुप्पी के कारण - गोरक्षक, कट्टरपंथी हिंदुत्व ग्रुप, कुशवाहा जैसे बीजेपी कार्यकर्ता - वो कानून की अनदेखी करते हैं, किसी से भी सवाल करते हैं, अपमानित करते हैं, पीटते हैं, लिंच करते हैं.
पहले ही देर हो चुकी है, लेकिन क्या बीजेपी के अंदर कुछ लोग इस हिंसा पर सवाल उठा सकते हैं?
ये जो इंडिया है ना... हम एक ऐसा देश नहीं बन सकते जहां आपको सिर्फ इसलिए मारा जा सके क्योंकि आपका नाम मोहम्मद हो सकता है.
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