वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा
लोकसभा चुनाव खत्म हुए दो महीने से भी ज्यादा का वक्त हो गया है. लेकिन महाराष्ट्र में चुनाव के समय चुनाव आयोग के लिए काम पर लगी कई टैक्सियों का पेमेंट अब तक नहीं मिल सका है.
टैक्सी यूनियन ने आनेवाले विधानसभा चुनाव में आयोग को टैक्सी ना देने का फैसला लिया है. टैक्सी ड्राइवरों का कहना है कि वो पैसों के लिए काम छोड़कर पिछले कई दिनों से रोजाना आरटीओ से लेकर चुनाव आयोग के चक्कर काट रहे हैं.
मुंबई में चार चरणों में हुए चुनाव हुए थे. चुनाव आयोग ने मुंबई की करीब 400 से ज्यादा टैक्सी चुनाव से पहले किराए पर ली थी.
यूनियन के मुताबिक, हर दिन का रेट 2 हजार रुपये तय किया गया. चुनाव के दौरान कुछ टैक्सी 10 दिनों के लिए तो कुछ 12 दिनों के लिए किराए पर ली गईं. टैक्सी का प्रमुख काम आयोग के अधिकारियों के साथ बूथ पर जाना, सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाना था, जिसमें ईवीएम मशीन भी शामिल है.
भारतीय टैक्सी चालक संघ के अध्यक्ष राकेश मिश्रा ने बताया-
“फिलहाल 330 गाड़ियों का पेमेंट मिल चुका है लेकिन 70 के करीब टैक्सी का करीबन 7.50 लाख रुपये पेमेंट अब तक नहीं मिला है. कई बार अधिकारियों से बात करने के बाद भी कोई ठोस जवाब नहीं मिल सका है.”
उन्होंने कहा कि अगर बकाया नहीं मिला तो आने वाले विधानसभा चुनाव में टैक्सी ड्यूटी नहीं लगेगी.
“हमने तय किया है कि अगर ऐसा ही रवैया रहा तो विधानसभा चुनाव में टैक्सी यूनियन इस बार अपनी गाड़ी नहीं देगा.”राकेश मिश्रा
इस बारे में चुनाव आयोग और आरटीओ के अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही इस मसले को सुलझा लेंगे. कई गाड़ियों का समय पर उपलब्ध ना होने की वजह से और कई टैक्सियों का कोई इस्तेमाल नहीं होने की वजह से उनके पेमेंट में देरी हो रही है.
वहीं टैक्सी ड्राइवरों का कहना है कि गाड़ी लगने के बाद अगर खड़ी रखी गई तो ये गलती उनकी नहीं है. गाड़ी एंगेज थी इसका पेमेंट उन्हें मिलना चाहिए.
अगर पेमेंट का भुगतान जल्द नहीं किया गया तो आनेवाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आयोग को टैक्सी यूनियन का गुस्सा झेलना पड़ सकता है.
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