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आधी रात से दो हिस्सों में बंट गया जम्मू-कश्मीर, जानिए बड़ी बातें

लौह पुरुष सरदार पटेल के जन्मदिन पर दोनों केंद्र शासित राज्य अपने अस्तित्व में आएंगे

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भारत
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5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के साथ उसको दो हिस्सों में बांटने का भी फैसला लिया गया था. एक हिस्सा है लद्दाख और दूसरा था जम्मू-कश्मीर. साथ ही दोनों को केंद्र शासित राज्य भी घोषित किया गया था.

जम्मू-कश्मीर को मिला राज्य का दर्जा गुरुवार को खत्म हो गया और इसके साथ ही उसे औपचारिक रूप से दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया. इसके साथ ही दोनों केंद्र शासित राज्यों के उप राज्यपाल भी अपना पदभार संभालेंगे.

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गिरीश चंद्र मुर्मू जम्मू-कश्मीर के एलजी और आरके माथुर लद्दाख के एलजी के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे. इस सिलसिले में श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा.जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल दोनों को शपथ दिलाएंगी.

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के मुताबिक दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नियुक्ति का दिन 31 अक्टूबर होगा और ये केंद्र शासित प्रदेश आधी रात (बुधवार-गुरुवार) को अस्तित्व में आएंगे.

पहली बार किसी राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटा गया है

भारत में ऐसे कई उदाहरण हैं जब किसी केंद्र शासित प्रदेश को राज्य में बदला गया हो या एक राज्य को दो राज्यों में बांटा गया हो, लेकिन ऐसा पहली बार है कि एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया.

इसके साथ ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 9 हो जाएगी.

नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था, जिसे संसद ने अपनी मंजूरी दी.

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बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र का था हिस्सा

बीजेपी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की बात कही थी और मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर ही इस वादे को पूरा कर दिया. इस बारे में 5 अगस्त को संसद में फैसला ले लिया गया.

कश्मीर के शासक महाराजा हरि सिंह ने 72 साल पहले 26 अक्टूबर, 1947 को भारत के साथ विलय संधि की थी, जिसके बाद यह रियासत भारत का अभिन्न हिस्सा बन गई.

सरदार पटेल की जयंती से है इसका कनेक्शन

दोनों केंद्र शासित प्रदेश देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन अस्तित्व में आएंगे, जिन्हें देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय है. देश में 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों गुजरात और नई दिल्ली में अगल-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे.

कानून के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पुडुचेरी की तरह ही विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख चंडीगढ़ की तर्ज पर बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा.

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