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बजट 2021:PM आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य नीलेश शाह के 4 बिग आइडिया

‘पूंजी की ‘कस्तूरी’ हमारे पास’, नीलेश शाह के बिग बजट आइडिया

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी

महामारी के बाद आने वाले बजट 2021 (Budget 2021) को आप डूबो या उतर जाओ वाला बजट कह सकते हैं. ऐसे में क्या हैं वो बिग बजट आइडिया जो हमारी इकनॉमी (Economy) को पटरी पर ला सकते हैं. रोजगार के मौके बढ़ा सकते हैं. इसे प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और कोटक महिंद्रा असेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी नीलेश शाह (Nilesh Shah) से जानने की कोशिश की क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया (Sanjay Pugalia) ने.

रियल्टी सेक्टर को बढ़ावा देना बहुत जरूरी

नीलेश का कहना है कि अगर इकनॉमी को बूस्ट देना है तो सबसे पहले और सबसे बड़ा बूस्टर डोज चाहिए रियल्टी सेक्टर को. घर खरीदारों को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. ये करेंगे तो सीमेंट, स्टील जैसे कई और उद्योग तेजी पकड़ेंगे.

हाल ही में क्विंटिलियन मीडिया के को-फाउंडर और चेयरमैन राघव बहल ने एक आर्टिकल में सुझाव दिया कि सरकार को कंपनियों को डायरेक्ट टैक्स में राहत देनी चाहिए और उपभोक्ताओं को एक लिमिटेड समय में खरीदारी पर टैक्स रिबेट देना चाहिए. नीलेश शाह ने इससे सहमति जताते हुए रियल्टी सेक्टर को बूस्ट देने की बात कही. 

कैसे बढ़ेगी सरकार की आमदनी?

नीलेश शाह ने इसके लिए सरकार को चार सूत्रों का मंत्र दिया है. मूल बात ये है कि सरकार टैक्स बढ़ाए बिना अपनी कमाई बढ़ाए.

  • असेट बेचिए
  • ब्लैक इकनॉमी को व्हाइट में बदलिए
  • कुछ सेक्टरों को मदद दीजिए
  • वित्तीय अनुशासन रखिए

कहां से आए पूंजी?

दूसरा बिग बजट आइडिया नीलेश शाह का ये है कि हमारे घरों में इतना सोना पड़ा है. लेकिन बदकिस्मती से सारा सोना बेकार पड़ा है. उल्टा हम और आयात करने के लिए बाहर पैसा भेजते हैं. अगर इसे निकालें, अगर इसे भंजा लें तो बड़ी पूंजी मिलेगी.

इसके साथ ही सरकारी संपत्तियों को मॉनेटाइज करने की जरूरत है. जैसे कि 9 हजार शत्रु संपत्तियां. इन संपत्तियों में एक लाख करोड़ की पूंजी फंसी पड़ी है. सरकार रूपै, भीम, आधार की लिस्टिंग करा ले तो इनकी वैल्यू निकलेगी. 

इसके अलावा नीलेश शाह की सलाह है कि कोरोना की मार झेल रहे सेक्टरों को थोड़ी और मदद की जरूरत है. वो उन्हें मिलनी चाहिए. इसी तरह उन्होने कहा कि सट्टे, जुए और लॉटरी को वैध कर देना चाहिए. क्योंकि इनके अवैध रहने से हो सिर्फ ये रहा है कि सरकार को कोई आमदनी नहीं हो रही है. बाकी ये गतिविधियां चल ही रही हैं.

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