महाराष्ट्र में सरकार किसकी बनेगी? इस सवाल पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. सीटों के आधार पर महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद बीजेपी ने अब तक राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है.
शिवसेना 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ी हुई है और बीजेपी इस शर्त पर सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में दोनों राजनीतिक दल अलग-अलग विकल्प तलाश रहे हैं. अगर दोनों पार्टियों के बीच विवाद नहीं सुलझा, तो आने वाले दिनों में राज्य में राष्ट्रपति शासन जैसी स्थिति भी देखने को मिल सकती है.
महाराष्ट्र की राजनीति पर मिले विरोधी नेता
6 नवंबर को कांग्रेस के बड़े नेता अहमद पटेल ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की. कहा जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान विरोधी पार्टी के दोनों नेताओं के बीच महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बातचीत हुई.
महाराष्ट्र में सहयोगी दल बीजेपी और शिवसेना अपनी शर्तों को लेकर अड़े हुए हैं. तो वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग विचारधारा वाली बीजेपी और कांग्रेस के दो बड़े नेता राज्य की राजनीति पर चर्चा कर रहे हैं.
इन दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई? ये तो नहीं कह सकते. लेकिन जिस वक्त दिल्ली में इन नेताओं की मुलाकात हो रही थी, तभी मुंबई में शिवसेना नेता संजय राउत, एनसीपी नेता शरद पवार से मिलने पहुंच गए. हालांकि, शिवसेना-एनसीपी के बीच दस मिनट ही मुलाकात हुई.
क्या कांग्रेस-NCP-शिवसेना मिलकर बनाएंगे सरकार?
शिवसेना नेता संजय राउत और शरद पवार की मुलाकात का क्या ये मतलब निकाला जाए कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं? इसका जवाब है नहीं. क्योंकि संजय राउत ने पवार के सामने किसी तरह का कोई प्रपोजल नहीं रखा है.
हालांकि, महाराष्ट्र कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता सरकार बनाने के पक्ष में दिख रहे हैं. लेकिन कांग्रेस आलाकमान शिवसेना के साथ सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है. इसलिए महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की सरकार बनना मुश्किल दिख रहा है.
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