दिल्ली चुनाव में बीजेपी से गठबंधन को लेकर जेडीयू दो खेमे में बंट गया है. द क्विंट से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में JDU के महासचिव पवन वर्मा ने आरोप लगाया कि उन्होंने निजी तौर पर CAA को लेकर नीतीश कुमार से बात की थी, लेकिन उन्हें लगातार नजरअंदाज किया गया. पवन वर्मा ने कहा, CAA को समर्थन देना उनकी पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है.
“मैंने नीतीश जी से CAA पर हमारी पार्टी के समर्थन से पहले, निजी तौर पर बात की थी. मैंने कोशिश की थी की मैं उन्हें मना सकूं कि CAA को समर्थन देना हमारी विचारधारा और हमारी पार्टी के संविधान के खिलाफ है. इसके अलावा ये असंवैधानिक भी है, लेकिन उस वक्त मेरी बात सुनी नहीं गयी.”पवन वर्मा, JDU के महासचिव
JDU महासचिव ने कहा, "ये मैंने पार्टी फोरम में ही नहीं, निजी तौर पर भी उनसे बात की थी, जब मेरी बातों को लगातार नजरअंदाज किया गया तो मैंने ट्वीट कर कहा, लोकसभा में भले ही हमने इसका समर्थन कर दिया है लेकिन राज्यसभा में हम इस पर पुनर्विचार करेंगे, मगर पार्टी ने राज्यसभा में भी इसका समर्थन किया.”
“CAA के राज्यसभा से पारित होने के बाद भी कई ऐसे मौके आए हैं जहां मैंने पार्टी को पत्र लिखकर उनसे जवाब मंगा है, लेकिन उन पत्रों का मेरे पास कोई जवाब नहीं आया.”पवन वर्मा, JDU के महासचिव
वैचारिक स्पष्टीकरण जरूरी :पवन वर्मा
पवन वर्मा ने कहा, “बीजेपी से हमारा गठबंधन राज्य में था, केंद्र में हम अपने फैसलों के लिए स्वतंत्र थे, अब पहली बार हम बिहार से बाहर जाकर बीजेपी के साथ दिल्ली में भी गठबंधन में है. लेकिन ऐसे में क्या ये जरूरी नहीं है कि एक वैचारिक स्पष्टीकरण हो जिसमें हम समझ सकें कि विचारधारा को लेकर बीजेपी से हमारा तालमेल है भी या नहीं.”
बता दें पवन वर्मा लगातार पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी कर रहे थे और पार्टी के फैसले की सार्वजनिक आलोचना भी कर रहे थे, जिसपर बिहार के मुख्यमंत्री और JDU अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पवन वर्मा से कहा कि उन्हें जहां अच्छा लगे वहां चले जाएं.
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