कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार की विदेश और रक्षा नीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने बुधवार को पीएम मोदी से आतंकवाद, नक्सलवाद और घुसपैठ को लेकर कई सवाल किए.
कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी सरकार इन सवालों पर ‘सन्नाटे वाली चुप्पी' साधे हुई है.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि देश की सुरक्षा के साथ आए दिन समझौता हो रहा है और सरकार चुपचाप बैठी है. पार्टी ने कहा कि सरकार के 44 महीने के शासनकाल में आतंकी घटनाओं, संघर्ष विराम उल्लंघनों और जम्मू कश्मीर में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की संख्या में कई गुना की बढ़ोतरी हुई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के आम चुनाव से पहले तत्कालीन UPA सरकार से पांच सवाल किये थे.
- आतंकवादियों के पास बारूद-शस्त्र कहां से आते हैं?
- उनके पास धन कहां से आता है?
- विदेशी घुसपैठी देश में कैसे आ जाते हैं?
- आतंकवादियों के संचार पर रोक क्यों नहीं लगा पा रही?
- विदेशों में बैठे आतंकवादियों का प्रत्यर्पण क्यों नहीं हो पा रहा?
सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के पास सेना, सीमा सुरक्षा बल सहित सारे सुरक्षा बल हैं, संचार मंत्रालय है, वित्त मंत्रालय है, विदेश मंत्रालय है, फिर भी इन सवालों का कोई जवाब नहीं मिल रहा.
उन्होंने कहा कि इन सवालों पर सरकार ने पिछले 42 महीनों में इन सवालों पर ‘सन्नाटे वाली चुप्पी’ साध रखी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार के शासनकाल के पिछले 44 महीनों में 286 जवानों और 138 नागरिकों की जान जा चुकी है जबकि पिछली सरकार के शासनकाल में यह संख्या 115 और 72 थी.
सिंघवी ने कहा कि इस सरकार के शासनकाल के 44 महीने के दौरान पाकिस्तान से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं पांच गुना बढ़कर 2555 हो गयी जो UPA सरकार की इसी अवधि में 543 थीं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार और उनकी पार्टी के अध्यक्ष को इन सवालों का जवाब देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इनके उत्तर में हमें राष्ट्रवाद का पाठ मत पढ़ाइयेगा. सिंघवी ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस अपने बहादुर जवानों और देश की विश्व स्तरीय सेना के साथ खड़ी है और पाकिस्तान की निंदा करती है.
(इनपुट भाषा से)
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