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साड्डा हक: अपने उम्मीदवार को ऐसे जानिए

लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए योग्य होने के लिए, एक उम्मीदवार को कुछ बुनियादी योग्यताओं को पूरा करना होता है

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वीडियो एडिटर: दीप्थि रामदास

कैमरा: अभिषेक रंजन

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क्या लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए किसी क्वालिफिकेशन या रिस्ट्रिक्शन की जरुरत होती है? क्या अपराधी चुनाव लड़ सकते हैं? क्या हुआ अगर उन्होंने कोई जरूरी जानकारी छिपा ली और चुनाव जीत गए?

अगर आपके दिमाग में भी ये सवाल हैं, तो परेशान मत होइए. साड्डा हक के इस एपिसोड में, क्विंट आपको ऐसे डॉक्यूमेंट्स के बारे में बताएगा, जो नॉमिनेशन फाइल करते वक्त उम्मीदवारों को दिखाने होते हैं.

लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए योग्य होने के लिए, एक उम्मीदवार को कुछ बुनियादी योग्यताओं को पूरा करना होता है. भारत का नागरिक होना, कम से कम 25 वर्ष का होना, इलेक्टोरल रोल में नाम होना और इसके साथ ही, उसे किसी भी लाभ पद पर या मानसिक रूप से अस्वस्थ नहीं होना चाहिए.

नॉमिनेशन फाइल करते समय, उम्मीदवार को दो फॉर्म भरने होते हैं- एक, नॉमिनेशन पेपर और दूसरा एफिडेविट. नॉमिनेशन पेपर में उम्मीदवार को बताना होता है कि वो चुनाव लड़ने के लिए योग्य हैं.

उम्मीदवारों को कई कंडीशन्स पर अयोग्य भी घोषित कर दिया जाता है. अगर किसी व्यक्ति को रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट के सेक्शन 8, 8-A, 9, 9-A, 10, 10-A के तहत या किसी अन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है, जिसके लिए उसे दो साल से अधिक की सजा हुई है, तो फिर उम्मीदवार रिहाई की तारीख से छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है. अगर उम्मीदवार इस कानून का उल्लंघन कर चुनाव जीतने में सफल हो जाता है, तो उसे अयोग्य करार दे दिया जाएगा.

इसके अलावा, उम्मीदवार को अपने नॉमिनेशन में अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का भी ब्यौरा देना होता है.

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