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सुबह से शाम तक बुरी खबरें- एक भारतीय उद्यमी की डायरी के चंद पन्ने

भारत में कारोबारी के जीवन पर व्यंग्य

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहीम

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40 साल की मजबूत कद-काठी के शख्स जैसे ही गिफ्ट सिटी की बहुमंजिला इमारत में बने अपने केबिन में पहुंचे, उन्होंने कहा- मंडे मॉर्निंग से मुझे प्यार है. जब वह अमेरिका के मैनहटन में रहते थे, तभी से उन्हें यह कहने की आदत हो गई थी. वह पहली पीढ़ी के जाने-माने उद्यमी थे, लेकिन भारत में उन्होंने कभी सिलिकॉन वैली के टाइटल फाउंडर-CEO का इस्तेमाल नहीं किया. वह यहां PuFf यानी एक अरब डॉलर की कंपनी के प्रधान (चीफ) फोरमैन के नाम से मशहूर थे. वो कहते हैं न, अगर आप अहमदाबाद में हैं तो वही करिए, जो गुजराती करते हैं!

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केबिन में बैठते ही उनके दोनों एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट (ईए) आए. इनमें से एक के हाथ में गरमागरम कॉफी का मग था तो दूसरे के हाथ में चॉकलेट केक का बॉक्स.

ईए (एक साथ बोलते हुए): मुबारक हो PuFf (इस कंपनी में सबको पहले नाम से बुलाने का चलन था). आपको स्टार्टअप चैंप ऑफ द ईयर का खिताब मिला है. हम आपके लिए ये केक लेकर आए हैं.

यह सुनते ही PuFf ने खुशी से हवा में पंच किया. आखिर मेरी मेहनत रंग लाई. लेकिन इससे पहले कि वह अपने पसंदीदा पुडिंग का टुकड़ा मुंह में डाल पाते, उनका कॉस्ट अकाउंटेंट (सीए) धड़धड़ाता हुआ कमरे में घुसा.

सीएः PuFf हमें जीएसटी नेशनल एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी से यह बेवकूफाना नोटिस मिला है. उन्होंने हम पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोक दिया है. मुझे अपने सूत्र से पता चला है कि उन्होंने सेक्शन 69 (इसे आप सेक्शन 132 के साथ पढ़ें) के तहत हमारी गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया है. वे आ ही रहे होंगे, चलिए यहां से निकलते हैं.

PuFf: रुको-रुको, हमने किया क्या है, जो वो हमें गिरफ्तार करेंगे? हमने तो ईमानदारी से अपना पूरा खर्च बताया था.

सीएः उन्होंने बड़ा ही अजीबोगरीब ऑब्जेक्शन किया है. वे कह रहे हैं कि आप रोज गोल्फ खेलते हैं, इसलिए आपकी सिर्फ आधी कॉस्ट ही ब्रांड के तहत चार्ज की जा सकती है. वे हमारी ईसीबी (एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग यानी विदेश से लिए गए कर्ज) की हेजिंग को भी नहीं मान रहे हैं. वे कह रहे हैं कि इस कर्ज पर चुकाए गए ब्याज को ही कॉस्ट में शामिल किया जा सकता है. एक जगह तो उन्होंने कॉरिडोर और टॉयलेट पर किए गए खर्च को नहीं माना. उनका कहना है कि इनका इस्तेमाल सीधे ब्रांड के लिए नहीं किया जा रहा.

उन्होंने ऐन को सेलेब्रिटी एंडोर्समेंट के लिए दी जाने वाली सालाना 10 लाख डॉलर की रकम भी घटा दी है. उन्होंने किसी गॉसिप कॉलम में पढ़ा है कि आप उन्हें डेट कर रहे हैं. इसलिए वे इसे निजी खर्च मान रहे हैं...प्लीज, बुरा मत मानिएगा, लेकिन उन्होंने इस खर्च को ‘एस्कॉर्ट फी’ के मद में डाल दिया है. इसलिए, उनके हिसाब से हमारी प्रति यूनिट लागत 75 रुपये हुई, जबकि हम इसे 78 रुपये पर बेच रहे हैं. इसलिए यह ‘मुनाफाखोरी’ यानी प्रॉफिटीयरिंग है.

मैं तो उन अनपढ़ों को समझाते-समझाते थक गया.

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PuFf ने सिर हिलाते हुए कहा कि किसी सामान पर रियल इंटरेस्ट रेट या रेंटल कॉस्ट का फैसला कोई इंस्पेक्टर कैसे कर सकता है? और वे क्या मुझे उल्लू समझते हैं, जो मैं एक एस्कॉर्ट (देह व्यापार करने वाली) पर 10 लाख डॉलर खर्च करूंगा! आखिर, ‘मुनाफाखोरी’ का मतलब क्या है?

खैर, PuFf के पास इन फिजूल बातों के लिए वक्त नहीं था. उन्होंने शांति से येल के एक सहपाठी को फोन लगाया, जो रेवेन्यू सेक्रेटरी (खुदा खैर करे इन आईएएस का) थे और उनसे कम से कम कुछ हफ्तों के लिए जीएसटी इंस्पेक्टरों को काबू में रखने को कहा.

लेकिन यह शांति बहुत छोटी साबित हुई और उनके फोन की घंटी बज उठी. फोन ऐन का था.

ऐनः तुम्हें पता है कि तुम्हारी संसद ने एक नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल पास किया है? इस कानून के चलते यह कहने पर मुझ पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है कि ‘मैं अपने दिन की शुरुआत तुम्हारे फालतू ऑरेंज मिक्स से करती हूं.’ अगर मैं यह बात एक बार और कहती हूं तो वे इसे दोबारा किया गया अपराध मानेंगे. तब मुझे पांच साल की जेल हो सकती है! मैं तुम्हारे खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कराने जा रही हूं क्योंकि तुमने मुझे गुमराह किया है. मैं अब यहां नहीं रहूंगी, मैं पोलैंड वापस जा रही हूं.

यह सब सुनते ही PuFf अपनी कुर्सी में और धंस गए. क्या? एंडोर्समेंट के लिए सेलेब्रिटी को जेल में डाला जाएगा. क्या सचमुच ऐसा हो सकता है? उन्होंने टेलीविजन ऑन किया. स्क्रीन पर सांसद एक और ऐसे कानून का मेजें थपथपा कर स्वागत कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें सलाखों के पीछे डाला जा सकता है.

यह दिन उनके लिए बहुत लंबा हो चला था. तभी उनके चीफ पीपल्स ऑफिसर (सीपीओ) केबिन में पहुंचे.

सीपीओः क्या आपको याद है कि कैथेड्रल सोसायटी झुग्गियों में जो स्कूल चलाती है, हमने उसके लिए अपने सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) से दान दिया था? उन्होंने इसे ‘अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण’ बताते हुए रिजेक्ट कर दिया है. वे इसे चैरिटी नहीं मान रहे हैं. वे कह रहे हैं कि अगर लोकल एमएलए के‘शिशु भोजन्या’ के लिए कंपनी के प्रॉफिट का और दो पर्सेंट नहीं दिया तो वे आप पर यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट) के तहत केस दर्ज करेंगे.

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PuFf: क्या! हम अपने मुनाफे का और दो पर्सेंट एक और फिरौती केंद्र (सेंटर) को नहीं दे सकते!!

सीपीओः सोच लीजिए PuFf. टेलीविजन की तरफ इशारा करते हुए, इन महानुभावों ने कंपनी कानून के सेक्शन 135 के तहत नया सीएसआर रूल बनाया है. अब यह दान स्वैच्छिक नहीं रह गया है. अगर आप पैसा नहीं देते हैं तो तीन साल जेल में काटने पड़ेंगे. मैं नौकरी छोड़ कर वापस पालो ऑल्टो जा रहा हूं.

PuFf हताश हो गए थे. पिछले तीन घंटे में यह तीसरा मामला था, जिसकी वजह से उन्हें जेल हो सकती थी. लेकिन रुकिए, अभी उनकी परेशानियां खत्म नहीं हुई थीं. केबिन में कंप्लायंस ऑफिसर (सीओ) भागते हुए आए और उनके मुंह से झाग निकल रहा था.

सीओः PuFf क्या आपने सेबी की ईमेल देखी? उसने आप पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप लगाया है.

PuFf: क्या! सेबी ऐसा कैसे कर सकता है? मैंने किया क्या है?

सीओः नो बैंक के स्वतंत्र निदेशक के तौर पर आपने उस ऑडिट कमेटी की अध्यक्षता की थी, जिसने 5,420 करोड़ की असामान्य प्रोविजनिंग की थी, याद है? उसके बाद बैंक के शेयर क्रैश कर गए थे, है ना?

PuFf: तो? मुझे लगता है कि मैंने बिल्कुल ठीक किया था. वे डूबे हुए कर्ज को छिपाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैंने उनकी चोरी पकड़ी और उसे शेयरधारकों के सामने रखा.

सीओः हां, लेकिन शेयर तो गिरा था न. और आपने वार्टन स्टूडेंट्स की ऑनलाइन म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनी में 10 लाख डॉलर का एंजेल इनवेस्टमेंट भी किया था. उसी रोज उन्होंने नो बैंक के शेयरों में भारी शॉर्ट सेलिंग की थी. सेबी ने इन दोनों घटनाओं के तार जोड़े हैं और वह कह रहा है कि आपने नो बैंक वाली बात म्यूचुअल फंड कंपनी को लीक कर दी थी. इसीलिए उन लोगों ने बैंक में शॉर्ट सेलिंग की. इसलिए, आप इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप में जेल जा सकते हैं.

PuFf (अब चीख रहे थे): ये क्या बकवास है. मैं वार्टन स्टूडेंट्स की एसेट मैनेजमेंट कंपनी थोड़े ही चलाता हूं. मैं उसके बोर्ड में नहीं हूं. मेरे पास तो कंपनी के सिर्फ दो पर्सेंट शेयर हैं. फिर, मैं उनके फैसलों के लिए जवाबदेह कैसे हो सकता हूं?

इससे पहले कि सीओ कुछ जवाब देते, कंपनी के चीफ टैक्स एडवाइजर (सीटीए) दौड़ते हुए आए.

सीटीएः PuFf, वार्टन स्टूडेंट्स की कंपनी में आपने जो एंजेल इनवेस्टमेंट किया था, वो आपको याद है?

PuFf: अब फिर से उन्होंने क्या कर दिया?

सीटीएः उन्होंने कुछ नहीं किया है, लेकिन टैक्स अफसर कह रहे हैं कि आपने उनके 10 रुपये के शेयर 100 रुपये के भाव पर खरीदे थे.

PuFf: हां, बिल्कुल खरीदा था क्योंकि मुझे भरोसा था कि वे एक शानदार कंपनी खड़ी कर सकते हैं और मेरा भरोसा सही निकला. उन्होंने हाल ही में कंपनी के शेयर 1,000 रुपये के भाव पर बेचे हैं. मुझे अपने निवेश पर 10 गुना मुनाफा तो अभी तक ही हो चुका है.

सीटीएः यह सब तो आप अपने अमेरिका के आईआरए को समझाइएगा. यहां तो आप पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने जा रहा है. वे कह रहे हैं कि 10 रुपये का शेयर 100 रुपये में खरीदने का मतलब यह है कि 90 रुपये आपको वापस मिले होंगे. इसलिए नागपुर की मैजिस्ट्रेट कोर्ट में उन्होंने आप पर क्रिमिनल केस दायर किया है. हमें तुरंत अग्रिम जमानत लेनी चाहिए.

PuFf का मन उचट चुका था. उन्होंने अपनी डेनिम जैकेट उठाई और भागकर बेसमेंट में पहुंचे और ड्राइवर को छुट्टी दे दी. वह मन शांत करने के लिए कुछ वक्त तक यूं ही ड्राइव करना चाहते थे. उन्होंने अपनी पसंदीदा गायिका रागिनी टंडन का पंजाबी पॉप लैंबोर्गिनी चलाई जांदे हो... बजाया. थोड़ी देर में जैसे ही उनका मन कुछ शांत हुआ, उन्हें ट्रैफिक पुलिस वाले ने रोक लिया.

पुलिसः ओ हो, एनआरआई लैंबोर्गिनी. हें? मैं तुम पर मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत ‘खतरनाक ढंग से गाड़ी चलाने’ का केस दर्ज कर रहा हूं.

PuFf(चिढ़ते हुए): ठीक है, ठीक है... कितना फाइन हुआ?

पुलिसः अब फाइन से काम नहीं चलेगा, सर. नए कानून से मैं आपको जेल में डाल सकता हूं!

नहीं, PuFf रोने लगे.

खैर, किसी तरह से उन्होंने कुछ देकर ट्रैफिक पुलिस वाले को रफा-दफा किया और फिर घर पहुंचे. जैसे ही उन्होंने टीवी ऑन किया, ब्लू बिजनेस न्यूज की स्क्रीन जाग उठी. उस पर महिला एंकर बता रही थीं कि ‘हालिया बजट में टैक्स अफसरों को बिना वॉरंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की पावर दी गई है.’

तभी अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया. खट, खट, खट, खट. बार-बार दरवाजा पीटे जाने से PuFf सहम गए. लगा, कहीं टैक्स वाले उन्हें गिरफ्तार करने घर तक तो नहीं पहुंच गए? वह भी बिना वॉरंट के?

किसी तरह से घबराते हुए उन्होंने दरवाजा खोला तो सामने उनका एक स्कूल फ्रेंड हांफते हुए खड़ा था.‘क्या तुमने यह देखा?’ और उसने एक वॉट्सऐप मैसेज पेश कर दिया.

PuFf का पूरा शरीर ढीला पड़ गया. वॉट्सऐप मैसेज में लिखा था कि उन दोनों के एक कॉमन स्कूल फ्रेंड, जिसने बेंगलुरु में बेवरेज स्टोर की चेन शुरू की थी, उसने खुदकुशी कर ली थी. अंतिम संस्कार कल सुबह होना था.

PuFf ने तुरंत अपने ऑफिस में फोन मिलाया और बेंगलुरु के लिए सुबह की फ्लाइट से दो टिकटें बुक कराने को कहा.

ईएः PuFf मैं बुक तो कर दूं, लेकिन यह बोईंग 737 मैक्स विमान है.

PuFf: बुक करो, अब इसकी चिंता कौन करता है कि वह कहां लैंड करता है...

(यह लेख एक व्यंग्य मात्र है)

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