वीडियो एडिटर: कुणाल मेहरा
गलवान में चीनियों से लोहा लेते शहीद हुए 20 जवानों में से दो झारखंड के हैं. एक सिपाही गणेश हांसदा पूर्वी सिंहभूम जिले में बहरागोड़ा के रहने थे. दूसरे कुंदन कुमार ओझा साहेबगंज के रहने वाले हैं. दोनों के घरों में इस वक्त मातम पसरा हुआ है. हालांकि, परिवार से लेकर गांव, शहर और पूरे देश तक को इन वीरों पर नाज है.
शहीद गणेश हांसदा
गणेश हांसदा सिर्फ 21 साल के थे. 2018 में ही बिहार रेडिमेंट को ज्वाइन किया था. घर में मां-पिता और भाई-भाभी हैं. भाई दिनेश हांसदा बताते हैं कि दो हफ्ते पहले ही फोन पर बात हुई थी. इनके घर की हालत देखकर पता चलता है ये आर्थिक रूप से गरीब परिवार है. पिता सुखदा हांसदा कहते हैं -
हमने बड़ी मुसीबतों के साथ उसे बड़ा किया था. उसे स्कूल भेजा, अब हमने उसे खो दिया. अब हम क्या करेंगे? हम यही अपील करते हैं कि सरकार हमारी मदद करे. इस उम्र में मैं काम नहीं कर सकतासुखदा हांसदा, शहीद गणेश के पिता
शहीद कुंदन कुमार ओझा
साहेबगंज के कुंदन ने 2011 में बिहार रेजिमेंट में नौकरी शुरू की थी. अभी उम्र सिर्फ 26 साल थी. 2017 में शादी हुई थी और उनकी एक 17 दिन की बेटी है. अपने पीछे पत्नी नेहा, मां भवानी देवी और पिता रविशंकर ओझा को छोड़ गए हैं. परिवार में दो भाई और एक बहन भी हैं.
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