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WhatsApp spyware pegasus क्या है, कैसे फोन पर करता है हमला?

पैगेसस डिवाइस के अंदर रहता है और चुपचाप हैकर को जानकारी भेजता रहता है.

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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

WhatsApp भले ही खुद को एक सुरक्षित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के तौर पर पेश करता है लेकिन इसके बावजूद ये खुद को पैगेसस नाम के स्पाईवेयर से नहीं बचा पाया. पैगेसस को इजरायल के एक टेक्नॉलजी फर्म NSO ग्रुप की ओर से डेवलप किया गया है. इस स्पाईवेयर के जरिए हैकर फोन के कैमरे, माइक्रोफोन, फाइल फोटो और यहां तक कि एन्क्रिप्टेड मैसेज और  ईमेल तक पहुंच सकता है.

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असल में ये आपके पूरे फोन तक पहुंच सकता है और याद रखें कि यह एंड्रॉयड और आईओएस  दोनों तरह के डिवाइस को हैक कर सकता है.

यह फोन पर कैसे असर डालता है?

इसके लिए, हैकर को उस फोन में सिर्फ WhatsApp कॉल करना होता है, जिसे वो हैक करना चाहता है. कॉल रिसीव करने वाले को कॉल का जवाब देने की भी जरूरत नहीं होती है और उस फोन में वायरस आ जाता है. आप ईमेल और टेक्स्ट मैसेज के जरिए भी पैगेसस को किसी के फोन में भेज सकते हैं.

WhatsApp ने NSO ग्रुप पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है. WhatsApp के पास उन सभी यूजर्स की लिस्ट भी है, जो पैगेसस का शिकार हुए हैं.

अब WhatsApp और एक डिजिटल सिक्योरिटी फर्म 'सिटिजन लैब' उन लोगों को अलर्ट मैसेज भेज रही है, जो इस स्पाईवेयर का शिकार हुए हैं. लेकिन हम अभी भी प्रभावित यूजर्स की सही संख्या नहीं जानते हैं.

कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर उन मैसेजों को पोस्ट किया है, जो इस समय यह जानने का इकलौता तरीका है कि किन लोगों के फोन पर पैगेसस स्पाईवेयर मौजूद है. इसके अलावा, ये जानने का कोई दूसरा तरीका नहीं है क्योंकि यह स्पाईवेयर फोन पर किसी भी तरह की असामान्य एक्टिविटी नहीं करता है और ना ही यह फोन के किसी सॉफ्टवेयर को धीमा करता है.

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पैगेसस सिर्फ डिवाइस के अंदर रहता है और चुपचाप हैकर को जानकारी भेजता रहता है. इससे भी बुरी बात यह है कि इस स्पाईवेयर से छुटकारा पाने का कोई तरीका नहीं है, सिवाय इसके कि आप अपना फोन ही बदल लें. यहां तक कि फोन को 'फैक्ट्री रीसेट' करने पर भी इस वायरस से छुटकारा नहीं मिलता. लिहाजा, जो लोग इससे प्रभावित हुए हैं, उन्हें अपना फोन बदल देना चाहिए और जब वे एक नया फोन खरीदें तो उन्हें उसमें सभी ऐप्स के अपडेटेड वर्जन इंस्टॉल करने चाहिए.

आपको क्लाउड-बेस्ड वेबसाइटों के सभी पासवर्ड भी बदल लेने चाहिए, जिन पर आप लॉगिन करते है क्योंकि पैगेसस के पास आपके पुराने फोन में दर्ज पासवर्ड का एक्सेस मौजूद हैआप सुरक्षित हैं, यह सुनिश्चित करने का  इकलौता यही तरीका है.

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