हिस्ट्रीशिटर विकास दुबे की गिरफ्तारी से शहीद सब-इंस्पेक्टर अनूप सिंह के पिता रमेश बहादुर ने कहा है कि वो यूपी पुलिस की कार्यशैली से नाराज हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से आठ बेटों की हत्या हुई वैसे ही इस अपराधी की भी हत्या हो. इसके अलावा औरैया के शहीद सिपाही राहुल के परिवार वाले संतुष्ट नहीं हैं. राहुल की बहन नंदनी ने सवाल उठाया है कि इतनी चेकिंग के बावजूद भी विकास दुबे वहां तक पहुंचा कैसे?
शहीद सब-इंस्पेक्टर अनूप सिंह के पिता ने सवाल पूछा कि 'यूपी की पुलिस विकास दुबे को क्यों गिरफ्तार नहीं कर पाई? सीमा सील होने के बाद भी विकास मध्य प्रदेश कैसे पहुंचा?'
पिता का आरोप है कि पुलिस अपराधियों से मिली हुई है और उत्तर प्रदेश की पुलिस पूरी तरह से फेल हो गयी है. साथ ही उन्होंने अपराधी विकास दुबे को राजनीतिक संरक्षण मिलने का आरोप भी लगाया. "ये बहुत शर्म की बात है. अगर ऐसे अपराधी भारत में जिंदा रहेंगे तो और बेटे शहीद होंगे, ऐसे अपराधी का हो एनकाउंटर"
शहीद राहुल की बहन नंदनी ने सवाल उठाया-
कहीं पुलिस तो उसकी मदद नही कर रही. वर्दी में छिपा भेड़िया विनय तिवारी,, जिसने अपने सहयोगियों के साथ गद्दारी की और विकास की अंत तक मदद हो रही है उससे मैं संतुष्ट नहीं हूं. विकास को ऑन स्पॉट सूट किया जाए और पुलिस विभाग के गद्दारों को सजा मिले.शहीद सिपाही राहुल की बहन
राहुल के पिता ओमकुमार ने कहा कि विकास वहां तक कैसे पहुचा. कैसे उसने उज्जैन में अपने नाम से पर्ची कटवाई है. दूसरा सवाल यह है की विनय तिवारी लगातार चार्ज में क्यों रहा?
3 जुलाई की रात चौबेपुर के बिकरू गांव में हुए शूटआउट के बाद से विकास फरार था. यूपी पुलिस और एसटीएफ कानपुर से लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों और दूसरे राज्यों में विकास दुबे की तलाश में जुटी थी. यही नहीं राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार की पुलिस से भी विकास के लिए संपर्क किया जा रहा था. कई जगह छापेमारी भी हुई.
8 जुलाई को खबर आई की विकास दुबे उत्तर प्रदेश की पुलिस को चकमा देकर हरियाणा के फरीदाबाद पहुंच गया है, लेकिन जैसे ही पुलिस उसे पकड़ने पहुंची वो वहां से फरार हो चुका था. लेकिन अब वो उज्जैन मिला.
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