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वैक्सीन पर GST,इलाज खर्च का हिसाब-कोविड काल में तो छोड़ दीजिए जनाब

केंद्र और राज्य सरकार को वैक्सीन की अलग कीमतों के बाद, अब उसपर लगने वाले टैक्स को लेकर भी विपक्ष ने सवाल उठाए हैं.

Published
भारत
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कोरोना वायरस से भारत बुरी तरह जूझ रहा है. अस्पतालों में मरीजों की कतार बाहर तक लगी है. मदद के लिए लोग सोशल मीडिया पर SOS गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में, मरीजों और परिवारों को राहत देते हुए सरकार ने इलाज के लिए कैश पेमेंट की लिमिट हटा दी है. अब कोविड मरीजों के इलाज के लिए 2 लाख रुपयों से ज्यादा की पेमेंट भी कैश में की जा सकती है, लेकिन इसमें भी शर्त है.

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सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने 7 मई को कोविड मरीजों के इलाज के लिए 2 लाख से ज्यादा की कैश पेमेंट को अनुमति दे दी. कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे सभी अस्पताल, नर्सिंग यूनिट, डिस्पेंसरी, कोविड केयर सेंटर या दूसरी मेडिकिल फैसिलिटी अब 2 लाख रुपयों से ज्यादा का कैश पेमेंट ले पाएंगे. ये नियम 1 अप्रैल से लेकर 31 मई तक की सभी ट्रैंजैक्शन पर लागू होगा.

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 269ST के तहत, एक दिन में 2 लाख रुपये से ज्यादा की नकद लेनदेन पर रोक है. दिल्ली हाईकोर्ट में इसे लेकर एक याचिका भी डाली गई थी. याचिकाकर्ता की दलील थी कि ज्यादा कैश पेमेंट नहीं ले पाने के कारण मरीजों के इलाज में देरी हो रही है.

नियम में छूट के साथ कुछ शर्तें भी हैं

2 लाख से ज्यादा की कैश पेमेंट करने के लिए परिवार को मरीज और पैसे देने वाले शख्स का पैन या आधार कार्ड नंबर दिखाना होगा, साथ ही दोनों के बीच के रिश्ते की जानकारी भी अस्पताल या मेडिकल फैसिलिटी को देनी होगी.

कैश पेमेंट की लिमिट हटाने से परिवार को फायदा तो होगा, लेकिन पैन या आधार की अनिवार्यता परेशानी भी खड़ी कर सकती है. मदद के लिए इधर-उधर भाग रहे परिजनों को अपने हाथ हमेशा पैन या आधार कार्ड रखना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो मरीज के इलाज में देरी हो सकती है.

टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन का कहना है कि इस छूट में नियम और शर्तें लागू नहीं करनी चाहिए थी. उन्होंने कबहा कि मदद कर रहे रिश्तेदार से आधार या पैन कार्ड मांगना लोगों को हतोत्साहित करेगा.

“ऐसे भी मामले होंगे, जहां इलाज में एक नहीं, बल्कि कई रिश्तेदार मदद कर रहे होंगे. ऐसे हालात में कोई क्या करेगा? इस मुश्किल समय में, लोग इलाज के लिए कई लोगों से पैसे ले रहे हैं. सरकार को हालात की गंभीरता को समझना चाहिए और इलाज में अस्पताल बिल के भुगतान के सोर्स के लिए कोई सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए.”
वेद जैन, टैक्स एक्सपर्ट
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वैक्सीन पर GST, विपक्ष-कई राज्य खिलाफ

केंद्र और राज्य सरकारों को कोरोना वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों के बाद, अब उसपर लगने वाले टैक्स को लेकर भी सरकारों ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वैक्सीन पर लगने वाले GST को लेकर सरकार पर हमला बोला. कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर लिखा, “जनता के प्राण जाए, पर PM की टैक्स वसूली ना जाए.”

ओडिशा और राजस्थान सरकार ने भी केंद्र सरकार से वैक्सीन पर GST हटाने की मांग की है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लेटर लिखकर COVID-19 वैक्सीन की खरीद पर GST माफ करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर वैक्सीन पर GST की छूट दी जाती है, तो इससे राज्यों का खर्चा कम होगा और यूनिवर्सल वैक्सीनेशन की दिशा में अभियान सुगम होगा.

वहीं, इस मुद्दे पर राजस्थान के स्वास्थ्य राज्य मंत्री सुभाष गर्ग का कहना है कि केंद्र सरकार को आपदा में कमाई का अवसर नहीं देखना चाहिए.

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