अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस (AINRC) के आर राधाकृष्णन पुडुचेरी लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. DMK -कांग्रेस गठबंधन का मुकाबला इस बार AINRC-AIADMK गठबंधन के साथ है. क्विंट पुडुचेरी में ये जानने पहुंचा कि वहां के युवा नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के पिछले कार्यकाल को किस तरह से देखते हैं और वे अपने नेता से क्या चाहते हैं.
कुछ स्टूडेंट्स ने बताया कि पिछले 5 सालों में गरीबों के उत्थान के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं आईं हैं, लेकिन सांप्रदायिक सद्भाव के मामले में सब कुछ ठीक नहीं हुआ है.
"मैं एक मुसलमान हूं. मैं बिहार से हूं. हम अपने दिल में डर के साथ रहते हैं. मेरी भी दाढ़ी है.” पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी के एक स्टूडेंट जीशान ने देश में पिछले 2 सालों में हुई घटनाओं की संख्या का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे सिर्फ गाय खाने के शक की वजह मारा जा सकता है.
गठबंधन सरकार को लेकर भी युवाओं ने अपना मत रखा. उनका मानना है कि यहां पर गठबंधन सरकार ज्यादा कारगर नहीं हो सकती.
जनता दल नाम से हमारे पास तीसरा मोर्चा रहा है और ये एक साल से कुछ ही ज्यादा चल सका. मोरारजी देसाई उस वक्त इसके पीएम थे. तीसरे मोर्चे में कई क्षेत्रीय पार्टियां होंगी. चंद्रबाबू नायडू, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और मायावती जैसी नेता तीसरे मोर्चे में होंगे. ये लोग एक दूसरे की टांग खींचेंगे. एक दूसरे से कहेंगे, आप मेरे लिए ये कीजिए, मैं आपका सपोर्ट करूंगा. सदन में बहुमत साबित करने के लिए वे एक दूसरे को रिश्वत देंगे. इसलिए मुझे नहीं लगता कि ये मॉडल कामयाब साबित होगा.अंकित आनंद, स्टूडेंट, पांडिचेरी यूनिवर्सिटी
लोकसभा चुनाव लड़ रही पार्टियों के लिए इन स्टूडेंट्स के पास कुछ सबक है. स्टूडेंट्स का कहना है कि जाति, लिंग और धर्म के आधार पर भेदभाव न कर सभी के लिए खुला और निष्पक्ष शासन बहाल हो.
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