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कांग्रेस ने BJP को थाली में परोसकर दिया ‘राष्ट्रवाद’- अग्रवाल

लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल ने अपनी नई किताब में बताया नेहरू का भारत कैसा था

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मशहूर लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल की नई किताब “कौन हैं भारत माता?” इन दिनों चर्चा में है. इस किताब के जरिए पुरुषोत्तम अग्रवाल ने देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से जुड़ी विचारधारा और मिथकों पर विस्तार से लिखा है.

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आखिर क्या थी नेहरू के भारत की संकल्पना? और हिंदुत्व के बारे में नेहरू क्या सोचते थे? आइये जानते हैं इन तमाम सवालों को लेकर पुरुषोत्तम अग्रवाल ने क्या कहा:

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नेहरू का भारत कैसा था?

लेखक पुरुषोत्तमअग्रवाल के अनुसार नेहरू के ‘भारत की संकल्पनाया आइडिया ऑफ इंडिया’ के पीछे सिर्फ पंडित नेहरू के विचार नहीं थे, बल्कि नेहरूके भारत में गांधी जी, बाबा साहेब अंबेडकर से लेकर भगत सिंह की भावना का खयाल रखा गया था. नेहरू का भारत लोकतांत्रिक, सहिष्णु और न्यायप्रिय समाज पर आधारित था.

इसीलिए पंडित नेहरू की नीतियों की आलोचना केवल एक नेहरू का अपमान नहीं बल्कि उन सभी का अनादर है जिनके विचारों को भारत की संकल्पना में सम्मिलित किया गया.

हिन्दुत्व के बारे में क्या सोचते थे पंडित नेहरू?

लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल का कहना है कि हिंदुत्व और हिंदुत्व राजनीति दोनों अलग चीजें हैं.  उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू की हिन्दू ट्रेडिशन में गहरी रुचि थी, लेकिन वो सियासी और सांप्रदायिक हिंदुत्व के खिलाफ थे. उनका मानना था कि राजनीति और धर्म को अलग रखना चाहिए.

केवल नेहरू ही नहीं बल्कि भारतीय स्वंतत्रता आंदोलन का हर नेता किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि धर्म की राजनीति के खिलाफ था.

नेहरू के भारत पर आज सवालिया निशान क्यों?

पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि पंडित नेहरू कम्युनिलिज्म के खिलाफ हमेशा नेशनलिज्म को लगाते थे. वो कहते थे कि हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग कम्युनिलिज्म संगठन है जबकि कांग्रेस नेशनलिस्ट संगठन है. लेकिन आज कांग्रेस नेशनलिज्म की बात करने से कतराने लगी है और राष्ट्रवाद थाली में परोसकर मानो बीजेपी को दे दिया है.

क्या थे कश्मीर पर नेहरू के विचार?

पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि नेहरू कश्मीर के मसले पर मनमानी कर रहे थे. इस बात को लेकर नेहरू कैबिनेट के किसी मंत्री ने इस्तीफा दिया. कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लागू करने का श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है. हालांकि कश्मीर पर अच्छा और बुरा हर फैसला पंडित नेहरू का था.

सरदार पटेल के साथ नेहरू के कैसे संबंध थे?

लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि अपने आपसी मतभेद को ना कभी नेहरू ने छिपाया और ना सरदार पटेल ने. दोनों अपने मतभेदों को जाहिर करते थे, लेकिन कभी इसे लेकर ओछापन नहीं दिखाया. बल्कि सरदार पटेल ने स्वयं पंडित नेहरू को प्रधानमंत्री बनाये जाने के फैसले का स्वागत किया था.

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