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Review: ‘यमला पगला दीवाना फिर से’ बेकार निकली

नहीं चला देओल परिवार का जादू  

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फिल्म में एक सीन है, जब कोर्ट में गवाह को विटनेस बाॅक्स तक पहुंचने में मदद करने के लिए कार्यवाही को रोकने की जरूरत पड़ती है. वकील तब बताता है "अब टाइम वेस्ट करो, जब तक वो ना आए" और हम आॅडियंस सोचने लग जाते हैं और कितना टाइम वेस्ट करें?

फिल्म में देओल का धमाल गायब है. न कोई प्लाॅट है. एक भी हंसी लाने वाली जोक नहीं है. ये फिल्म फिर से इतनी बेकार कैसे हो सकती है?

सनी और बॉबी देओल ने भाइयों का रोल किया है. बड़ा भाई पूरन सिंह (सनी) जड़ी बूटियों के प्राचीन आयुर्वेदिक, पवित्र ज्ञानी है और छोटा भाई काला (बॉबी ) हर रात शराब पीकर हंगामा करता है. डैडी धर्मेंद्र उनके अजीब 'किराएदार' हैं जो अप्सराओं से घिरे हुए रहते हैं, जो सीधे स्वर्ग से उतर सिर्फ उनकी नजरों के सामने आती हैं.

एक गुजराती बिजनेसमैन (मोहन कपूर) खास जड़ी बूटी वज्रकवच लेने आता है. लेकिन ढाई किलो का हाथ उसे ये देने से इनकार कर देता है.

देओल परिवार के लिए हमारा प्यार जानकर डायरेक्टर ने एक साथ उनके सारे पुराने सीन को इसमें डाल दिया है. धरम जी की शोले वाली बाइक, सनी की तारीख पर तारीख और ढाई किलो का हाथ. बाॅबी हीरो है. देओल परिवार के अलावा कृति खरबंदा हैं. शत्रुघ्न सिन्हा, सलमान खान ने भी फिल्म में कैमियो रोल किए हैं.

पंजाबियों, गुजराती को लेकर तमाम स्टीरियोटाइप इस फिल्म में भरे पड़े हैं.

‘यमला पगला दीवाना फिर से’ को मिलते हैं 5 में से आधे क्विंट.

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