केके शैलजा ने केरल विधानसभा चुनाव के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की लेकिन उन्हें नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. CPI(M) ने केवल 'नए चेहरों' को शामिल करने का फैसला किया है. CM पिनराई विजयन एकमात्र अपवाद हैं.
केके शैलजा की कैबिनेट में अनुपस्थिति से लोगों को झटका लगा है.
‘ये हमारी पार्टी का नीतिगत फैसला है. इसलिए उस फैसले के मुताबिक मैंने भी इस्तीफा देने का फैसला किया. हमें दूसरों को भी मौका देना है. हमारी पार्टी में इतने कार्यकर्ता हैं, मौका मिला तो वे भी कड़ी मेहनत करेंगे.’केके शैलजा, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, केरल
कौन हैं केके शैलजा?
हाई स्कूल भौतिकी शिक्षक के रूप मेंउनका 23 साल का लंबा कार्यकाल रहा है. उनका लोकप्रिय नाम 'शैलजा टीचर' है.
विधानसभा चुनाव में जीत
- 1996
- 2006
- 2016
- 2021
शैलजा पहली बार 2016 में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में केरल कैबिनेट में शामिल हुईं. पहली बार सुर्खियों में तब आईं जब केरल ने 2018 में निपाह वायरस के प्रकोप को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया. शैलजा ने पेरंबरा में ग्राउंड जीरो पर विशेषज्ञों के साथ डेरा डाला.
“2,000 लोगों का पता लगाना एक बहुत बड़ा काम था. इसलिए, हमने एक कॉल सेंटर शुरू किया और एक टीम बनाई. सभी चौबीसों घंटे काम कर रहे थे. एक टोल-फ्री नंबर मैं संभाल रही थी. मैं ज्यादातर सुलभ हूं और केरलवासियों के लिए जानी पहचानी हूं”केके शैलजा, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, केरल
उनके निपाह प्रकोप के अनुभव ने उन्हें कोविड संकट की गहराई का अनुमान लगाने और राज्य को इसके लिए तैयार करने में मदद की. त्रिशूर में देश का पहला कोविड मामला सामने आने के बाद से उन्होंने डेली ब्रीफिंग शुरू की. उनके एक्शन प्लान ने जनता का विश्वास बढ़ाया. उनके कोविड की पहली लहर को संभालने के तरीके से राज्य में मौतों की संख्या सीमित रही और 'केरल मॉडल' से उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा मिली.
शैलजा LDF के सबसे लोकप्रिय प्रचारकों में से एक रहीं. शैलजा के नेतृत्व में केरल के कोविड प्रबंधन ने 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को ऐतिहासिक जीत हासिल करने में मदद की. जब दूसरी लहर ने पूरे देश को चौंका दिया तो शैलजा ने राज्य की स्थिति को काबू से बाहर नहीं जाने दिया.
“चुनावों के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ होने के कारण हमें मामलों में उछाल की उम्मीद की थी. हमने आईसीयू बेड, वेंटिलेटर आदि की संख्या दोगुनी कर दी. हमें कठिनाई का सामना करना पड़ा, लेकिन राज्य में किसी भी मरीज की मौत बेड-वेंटिलेटर नहीं मिलने की वजह से नहीं हुई.”केके शैलजा, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, केरल
शैलजा ने कैबिनेट से बाहर किए जाने पर किसी भी तरह की निराशा से इनकार किया और कहा कि उन्हें अपने चुनौतीपूर्ण कार्यकाल पर गर्व है.
“मैं संतुष्ट हूं कि मैंने ईमानदारी से काम किया और अपने सहयोगियों के साथ कड़ी मेहनत की. मेरे पास बहुत सारे अनुभव थे. ये सब टीम वर्क था और टीम वर्क के साथ मैं संतुष्ट हूं.इन पांच सालों में मेरे पास बहुत सारे मार्मिक अनुभव हैं.”केके शैलजा, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, केरल
हालांकि नए कैबिनेट का हिस्सा नहीं हैं लेकिन केके शैलजा पार्टी व्हिप बनी रहेंगी.
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