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VIDEO | स्मृति ईरानी के गोद लिए गांव में ‘भ्रष्टाचार’ के आरोप

गुजरात के गांव माघरोल से ग्राउंड रिपोर्ट

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Video Editor: संदीप सुमन और मोहम्मद इब्राहिम

(क्या पीएम मोदी के स्टार सांसदों के गांवों को गोद लेने से उनके ‘अच्छे दिन’ आ गए? सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत इन गोद लिए गए गांवों का क्या हाल है, देखिए क्विंट की ग्राउंड रिपोर्ट.)

गुजरात के आणंद से करीब 30 किलोमीटर दूर है माघरोल गांव. वही गांव जिसे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 17 मई 2016 को गोद लिया.

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लेकिन तब से अब तक चीजें आसान नहीं रहीं. न तो ईरानी के लिए और न ही माघरोल के लिए. ईरानी पर सांसद निधि के पैसे के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा है. गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ केस भी किया है.

क्विंट ने जब माघरोल का दौरा किया तो हमें काफी मिलीजुली प्रतिक्रिया दिखाई दी. जहां कुछ लोगों ने जमीन पर काम न होने का ठीकरा ईरानी के लचर रवैये पर फोड़ा तो कुछ ने भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बताया. हालांकि कुछ लोग, पानी के कनेक्शन को लेकर संतुष्ट नजर आए. ईरानी ने अब तक तीन बार इस गोद लिए गांव का दौरा किया है.

अरविंदभाई राठौड़ की पत्नी गांव की उपसरपंच हैं. उन्होंने क्विंट को बताया, “कुछ काम हुए हैं तो कुछ को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हुई. 3-4 सामुदायिक केंद्र बने हैं लेकिन उनमें भ्रष्टाचार हुआ है. लेक रबर पिचिंग प्रोजेक्ट भी भ्रष्टाचार के घेरे में है. शवदाहगृह की दीवारें बिल्कुल मजबूत नहीं हैं. दरवाजे भी काफी हल्के मैटेरियल के बने हैं. यहां भ्रष्टाचार काफी फैला हुआ है.”

मेरी जानकारी के मुताबिक 55 फीसदी घरों में अब शौचालय है लेकिन 40-50 फीसदी घरों में एक भी शौचालय नहीं. 10 लाख की लागत से दो सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया लेकिन उसे इस्तेमाल लायक बनाने के लिए जरूरी कार्यवाही नहीं की गई. 
अरविंदभाई राठौड़, स्थानीय निवासी
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नंदूभाई कहते हैं कि काम तो हुआ है. वो RCC रोड का हवाला देते हैं. साथ ही पानी की सप्लाई को भी वो संतोषजनक बताते हैं. हालांकि वो ये जरूर कहते हैं कि पानी उतना नहीं मिल रहा जितनी जरूरत होती है.

सांसद आदर्श ग्राम योजना पर क्विंट की पूरी पड़ताल आपको मिलेगी यहां

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