देश की राजधानी दिल्ली में यमुना की तराई में आने वाली जमीन पर 11 से 13 मार्च तक विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. देश-विदेश से लाखों लोग इस महोत्सव में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंच रहे हैं, जो महोत्सव में हिस्सा लेकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करेंगे.
लेकिन ये इन लाखों लोगों का गौरव यमुना की तराई में बसे साग-सब्जी की खेती से जिंदगी गुजारने वाले गांववालों पर भारी पड़ रहा है.
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजकों ने इन गांवों के खेतों को पार्किंग एरिया, गाड़ियों के गुजरने के लिए चौड़े रास्तों और कैंप में बदल दिया है.
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