वीडियो एडिटर: विवेक कुमार
बकरीद के मौके पर कश्मीर के बाजारों में खासी रौनक होती है. लेकिन आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद इस बार श्रीनगर के बाजारों में सन्नाटा पसरा है. मायूसी दिख रही है. आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर की ग्राउंड रियलिटी जानने क्विंट हिंदी की टीम श्रीनगर पहुंची. कश्मीर ग्राउंड रिपोर्ट सीरीज की छठी कड़ी में देखिए इस बार बकरीद पर श्रीनगर के बाजारों का कैसा है माहौल? यह वीडियो दस अगस्त का है. साफ दिख रहा है कि बाजार में मायूसी का आलम है.
बकरीद पर मुसलमान नमाज के साथ-साथ भेड़-बकरों की कुर्बानी देते हैं. बाजारों में चहल-पहल रहती है. लोग जमकर खरीदारी करते हैं, लेकिन इस बार श्रीनगर के बाजार में मंदी छाई हुई है.
श्रीनगर के एक भेड़ विक्रेता मोहम्मद शफी ने बताया, "ईद पर आमतौर पर जो चहल-पहल होती है, इस बार बिल्कुल नहीं है. सब लोग कह रहे हैं कि ईद के बाद हालात खराब होंगे, इसलिए कोई कुछ नहीं खरीद रहा है. जो व्यक्ति कुर्बानी के लिए 4-5 (भेड़) खरीदता था वो एक खरीद रहा है."
भेड़ बेचने वालों को भारी नुकसान
अब्दुल रशीद नाम के भेड़ विक्रेता ने कहा, "बाजार खुश नहीं है. कश्मीर के हालात बहुत खराब हो गए हैं. बहुत घाटा हो रहा है. यहां के हालात की वजह से घाटा झेलना पड़ रहा है."
इस साल हर व्यापारी को 6-10 लाख का घाटा होगा. सारा माल पड़ा हुआ है. कोई खरीदने के लिए तैयार नहीं है. हमारे पास 300 बकरे हैं, आज सिर्फ 20 बिके. सारा माल बचा हुआ है.मोहम्मद शफी, भेड़ विक्रेता
जो मार्केट पहले होता था वो आज नहीं है. हमें बहुत नुकसान हो रहा है. हड़ताल से पहले एक भेड़ की जो कीमत 20 हजार रुपये होती थी. अब मुश्किल से उसके 15 हजार रुपये मिल रहे हैं.मोहम्मद शफी, भेड़ विक्रेता
जम्मू-कश्मीर और श्रीनगर के भेड़ विक्रेताओं से बातचीत करके ऐसा लगता है कि घाटी में सबकुछ सामान्य नहीं है. घाटी से आर्टिकल 370 हटाए जाने के दो-तीन बाद के हालात में काफी मायूसी दिखी. बहरहाल यहां जिंदगी को पटरी पर लौटने में अभी वक्त लगेगा.
श्रीनगर ग्राउंड रिपोर्ट सीरीज के बाकी वीडियो
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