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Super Century: अपना जज्बा जगाने के लिए भारत को क्या करना होगा

अब हमें अंतरराष्ट्रीय और आर्थिक नीतियों पर फिर से सोचने की जरूरत है.

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वीडियो प्रोड्यूसर: सोनल गुप्ता

कैमरापर्सन: त्रिदीप मंडल, सुमित बडोला, अभिषेक रंजन

वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

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मैं पहली पीढ़ी का उद्यमी हूं. 1990 के दशक की शुरुआत में भारत के आर्थिक उदारीकरण की संतान. मैंने अपनी पहली कंपनी नेटवर्क 18 बनाई, जो फली-फूली भी. लेकिन जब तक मैंने अपनी दूसरी पारी ‘द क्विंट’ के साथ  शुरू की, तब तक आर्थिक सुधारों का बुलबुला फूटने लगा. देश में जज्बा जगाने के लिए अब हमें अंतरराष्ट्रीय और आर्थिक नीतियों पर फिर से सोचने की जरूरत है. ये सब मेरी नई किताब में है.

सुपर सेंचुरी: व्हॉट इंडिया मस्ट डू  टू राइज बाई 2050 (Super Century: What India Must Do To Rise By 2050)

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लेखक को जानें

राघव बहल एक लेखक, एडिटर, ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट और उद्यमी हैं. नेटवर्क 18 के फाउंडर के तौर पर अपनी पहली पारी में उन्होंने दो मीडिया कंपनियों को एकदम शुरुआत से खड़ा किया, जिनमें से हरेक की कीमत एक बिलियन डॉलर से ज्यादा थी. उन्होंने प्रतिस्पर्धी मीडिया दिग्गजों के साथ कामयाब साझेदारियां कीं, जिनमें ब्लूमबर्ग, CNN, Viacom, CNBC, A&E Networks और Forbes शामिल थे.

अपनी दूसरी पारी में, उन्होंने भारत में क्विंट के साथ डिजिटल / मोबाइल-फर्स्ट जर्नलिज्म की पहल की. उनके कॉलम और वीडियो ब्लॉग को युवा बड़ी लगन से फॉलो करते हैं.

उनकी पहले की दो किताबें,

  • 'सुपरपावर? द अमेजिंग रेस बिटविन चाइनाज हेर एंड इंडियाज टॉरट्वाइज' (SuperPower? The Amazing Race between China’s Hare and India’s Tortoise)
  • 'सुपरइकनॉमिज: अमेरिका, इंडिया, चाइना एंड द फ्यूचर ऑफ द वर्ल्ड' (SuperEconomies: America, India, China and the Future of the Wolrd)

बेस्टसेलर रहे हैं.

उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकनाॅमिक्स ऑनर्स की डिग्री ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया है.

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