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‘फटी जींस’ से बाहर झांकते नेताओं के ‘संस्कार’  

CM तीरथ सिंह रावत की पार्टी में कई महिला मंत्री से लेकर सांसद और MLA हैं, वो इनके बयान पर क्या सोचती हैं?

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वीडियो एडिटर- संदीप सुमन

कैमरा- अतहर राथर

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"संस्कारी महिला ट्रेनिंग सेंटर... हमारे यहां संस्कारी बहू, बेटी, बीवी तैयार की जाती है न जींस फटी होगी और न कट ब्लाउज होगा न स्लीवलेस कुर्ती, बच्चे कितने हों ये भी हम ही बताएंगे..संपर्क करें -- हमारी कोई दूसरी ब्रांच नहीं है.. बल्कि सभी ब्रांच एक ही सोच की है.. नकल से रहे सावधान, हर पार्टी में हैं अपनी जान पहचान"

दरअसल, संस्कारी महिला ट्रेनिंग सेंटर का आइडिया हमें उत्तराखंड के नए नवेले सीएम साहब से मिला है. सीएम तीरथ रावत ने कहा है कि जब महिला की जींस फटी हो, घुटने दिखते हों, तो वैसी महिलाए अपने बच्चों को क्या संस्कार देंगी. अब एक सूबे के सीएम का ध्यान घुटने पर हो तो हम पूछेंगे जरूर जनाब ऐसे कैसे?

उत्तराखंड को तीरथ सिंह रावत के तौर पर अपना नया मुख्यमंत्री मिला है. पीएम मोदी की भविष्य में राम की तरह पूजी होगी, ऐसा बयान देने वाले नए नवेले सीएम साहब ने महिलाओं की जींस पर कमेंट किया है.

संघ प्रचारक रह चुके सीएम तीरथ सिंह रावत देहरादून में एक कार्यक्रम के दौरान अपना एक किस्सा सुना रहे थे, जिसमें वो महिलाओं के रिप्ड (फटी हुई) जींस पर नाराज नजर आ रहे थे.

सीएम ने कहा,

“मैं एक दिन जयपुर से आ रहा था, अगले दिन करवाचौथ था. जब मैं जहाज में बैठा और मेरे साथ दो दिन लोग थे. मेरे साथ के लोगों ने कहा कि करवाचौथ है, जाना तो है. सालभर नाराज रखते हैं, तो एक दिन तो खुश रखना है. जहाज में मेरे बगल में एक बहनजी बैठी थीं, बातचीत हुई और जब मैंने उनकी तरफ देखा तो नीचे गम बूट थे, जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे. हाथ देखे तो कई कड़े थे. जब घुटने देखे तो मैंने पूछा कि कहां जाना है, बोला दिल्ली जाना है. क्या करती हैं, एनजीओ चलाती हूं. मैंने कहा एनजीओ चलाती हूं, घुटने फटे दिखते हैं, समाज के बीच में जाते हैं. क्या संस्कार दोगे.”   
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सीएम साहब ये सब किसी राजनीतिक नहीं बल्कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यक्रम बोल रहे थे, जी हां बाल अधिकार. इसी कार्यक्रम का सीएम साहब का एक और वीडियो सामने आया है. जिसमें सीएम साहब अपने कॉलेज के दिनों की कहानी सुना रहे हैं.

सीएम तीरथ रावत कहते हैं,

“एक बार श्रीनगर में पढ़ता था, एक चंडीगढ़ से आई लड़की, वो हमारे यहां की थी, चंडीगढ़ की नहीं थी, माफ करना. थी पहाड़ की लोकिन आई चंडीगढ़ से श्रीनगर आई थी. आप उसे क्या बोलते हैं, कट क्या बोलते हैं.. (स्लीव).. पहली बार नया नया.. तो ऐसे देख रहे थे लड़के उसको कि बस आ गई बंबई से कोई.. क्यों.. उसका कुछ दिन ऐसा मजाक बना ऐसा मजाक बना.. क्यों सारे पीछे भागना शुरू कर दिए.. यूनिवर्सिटी में पढ़ने आए हो क्यों? और बदन दिखा रहे हो.. क्या होगा...”

मतलब सीएम साहब को महिलाओं के कपड़ों से दिक्कत नई नहीं है..

खैर सीएम साहब की पार्टी में कई एक्टर और एक्ट्रेस भी हैं, महिला मंत्री से लेकर सांसद और विधायक भी हैं, वो रावत साहब के बयान के बारे में क्या सोचते हैं ये भी पब्लिक जरूर जानना चाहेगी. इस तरह के बयानों की बारिश में राजनीतिक रेनकोट पहनकर तीरथ सिंह अकेले नहीं नहा रहे हैं.. और भी हैं..

कैलाश विजयवर्गीय कई बार दे चुके हैं विवादित बयान

अभी हाल ही में बीजेपी नेता और पार्टी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने एक फोटो पोस्ट करते हुए ममता बनर्जी के बारे में लिखा था कि 'जो काम दीदी को 5 महीने बाद करना है. वो अभी से शुरू कर दिया!' इस फोटो में ममता बनर्जी लोगों के बीच में सब्जी बनाती दिख रही हैं. मतलब कैलाश विजयवर्गीय के हिसाब से महिला राजनीति छोड़ दे और सिर्फ खाना बनाए.

कैलाश विजयवर्गीय का महिलाओं को लेकर विवादित बयान का रिकॉर्ड पुराना है. साल 2013 में उन्होंने कहा था, ‘एक ही शब्द है- मर्यादा. मर्यादा का उल्लंघन होता है, तो सीता-हरण हो जाता है.

बीजेपी की विधायक रह चुकी और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने बदायूं में महिला के साथ गैंगरेप के मामले में कहा था कि किसी के भी प्रभाव में समय-असमय बाहर नहीं निकलना चाहिए था. मुझे लगता है कि पीड़िता अगर शाम के समय अकेली नहीं गई होती तो ऐसी घटना भी नहीं होती.

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बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी दिया था शर्मनाक बयान

साल 2018 में उन्नाव रेप केस मामले में बरेली के बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का बयान तो शर्मनाक बातों की हद ही पार कर देता है.

उन्नाव रेप केस आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के बचाव में सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि मनोवैज्ञानिक नजरिये से भी देखें तो तीन बच्‍चों की मां के साथ कोई भला दुष्‍कर्म कैसे कर सकता है.

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता भी लिस्ट में

ऐसी भद्दी बातें कहने की रेस में हर पार्टी के नेता हैं. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने नवंबर 2020 में एक रेप सर्वाइवर को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा कि स्वाभिमानी महिला का रेप होता है तो वह मर जाएगी या फिर ऐसा दोबारा होने नहीं देगी.

वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बेंगलुरु मास मॉलेस्टेशन मामले में ये तक कह दिया था कि अगर शक्कर होगी तो चींटी आएंगी ही, पेट्रोल के पास ही आग लगती है. अगर अपने देश के नेताओं के ऐसे ऐसे वाहियात बयान सुनाने बैठूं तो लाइब्रेरी भर जाएगी.

एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 में भारत में रोजाना औसतन 87 दुष्कर्म के मामले सामने आए और महिलाओं के खिलाफ अपराध के चार लाख पांच हजार 861 मामले दर्ज किए गए. ये वो मामले हैं जो दर्ज हुए हैं, न जाने कितने मामले ऐसे ही गुम हो जाते हैं. आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 की तुलना में साल 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध सात फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं.
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आप ही सोचिए ये केस क्यों नहीं रुक रहे हैं, जब देश के बड़ें पदों पर बैठने वाले महिलाओं के खिलाफ गंदी जुबान इस्तेमाल करते हैं, तो कैसे महिलाएं सुरक्षित महसूस करेंगी?

चाहे साल 2012 में नरेंद्र मोदी का चुनावी रैली में शशि थरूर की पत्नी सुनंदा थरूर के बारे में कहना कि आपने कभी देखी है 50 करोड़ की गर्लफ़्रेंड या उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का लड़कों से गलती हो जाती है वाला बयान. या फिर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी की हंसी और शूर्पणखा से मिलाना हो या शरद यादव का राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बारे में कहना कि “वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गई हैं. बहुत मोटी हो गई है, पहले पतली थी.”

ये सब सेक्सिट, मिसोजेनिस्ट रिमार्क है. वक्त है संवेदनशीलता की, जेंडर सेंसेटाइजेशन की. लड़कियों के घुटने और जिस्म को ताड़ने की जगह अगर अपनी सोच पर काम करें तो बेहतर होगा. फटी जींस नहीं, टूटी सड़कों और बेरोजगारी के कारण फूटी किस्मत को संवारें. और अगर तीरथ जैसे नेताओं का ध्यान महिलाओं के घुटनों पर होगा तो हर महिला पूछेगी जनाब ऐसे कैसे?

बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने विवादित बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा है, “मुझे जींस से ऐतराज नहीं है. लेकिन मैं नई जींस लाकर उसे कैंची से फाड़ दूं इससे ऐतराज है. अगर किसी को लगता है कि फटी जींस ही पहननी है तो मुझे कोई ऐतराज नहीं. किसी को इससे बुरा लगा हो तो मैं उसके लिए क्षमा मांगता हूं.”

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