ADVERTISEMENTREMOVE AD

ना चालान ना पुलिस का डर, गाड़ी पर जब जाति का स्टीकर

जाति, धर्म और राजनीतिक स्टीकर के लिए ट्रैफिक फाइन के बावजूद, लोग अपनी जाति कार पर लिखकर घूमना क्यों पसंद करते हैं?

Published
फीचर
2 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास

कैमरा: मुकुल भंडारी

हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान...देश के कई राज्यों में गाड़ियों पर जाट, गुर्जर, राजपूत, चौधरी, ठाकुर वगैरह जाति दर्शाने वाले बड़े, बोल्ड, स्टाइलिश स्टीकर दिख जाना एक आम बात है. क्विंट ने लोगों से इस ट्रेंड के बारे में पूछा कि आखिर क्यों वो गाड़ी पर अपना जाति लिखवाना चाहते हैं? हम निकले दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम की सड़कों पर और हमने जो सुना-देखा वो आपके लिए लाए हैं.

0

बता दें, जाति, धर्म और राजनीतिक स्टीकर के लिए ट्रैफिक फाइन के बावजूद, लोग अपनी जाति कार पर लिखकर घूमना पसंद करते हैं.

लगभग सभी ने कहा कि उन्हें अपनी जाति पर गर्व है और इसलिए वे इसे ‘शान’ से दिखाना पसंद करते हैं. ये पूछे जाने पर कि क्या इस तरह के जाति वाले लेबल उन्हें सड़क पर कुछ 'खास' बनाते हैं?

ज्यादातर लोगों ने कहा कि वे इन स्टीकर से किसी को डराना तो नहीं चाहते हैं, लेकिन इन स्टीकर का लोगों पर प्रभाव पड़ता है.

कुछ लोगों ने कहा, ‘कोई हमसे फालतू पंगा नहीं लेता’,'सबको पता चल जावे है... चौधरी साहब की गड्डी खड़ी है.’

लेकिन क्या इसका मतलब ये है कि वे लोगों के साथ पंगा ले सकते हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा "मैं कानून का पालन क्यों नहीं करूंगा?”, “मैं डॉन नहीं हूं.” “अगर पुलिस मुझे रोकती है, तो मुझ पर भी जुर्माना लगाया जाता है. हम भरते हैं.”

कई ने ये बताया कि ये स्टीकर उन्हें परेशानी से बचाते हैं. सड़क पर एक जाति का स्टीकर देख परेशानी होने पर लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं. ताकि उनकी जाति का गर्व, भाईचारा बना रहे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
गौतम बुद्ध नगर जिले में नोएडा पुलिस की ओर से ‘ऑपरेशन क्लीन’ का 7वां चरण चलाया गया. इस दौरान अनधिकृत स्टीकर लगे हुए 1457 दोपहिया वाहनों और कारों के चालान कटे. इनके नंबर प्लेट और पिछले शीशे में जाति और राजनीतिक दलों के नाम वाले स्टीकर लगे थे.

क्या कहता है कानून?

जाति, धर्म, पेशे और राजनीति से संबंध रखने वाले कार स्टीकर अब अवैध हैं. मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के सेक्शन 177 के तहत पहली बार इसका उल्लंघन करने पर अधिकतम 100 रुपये का जुर्माना और उसके बाद गलती दोहराने पर 300 रुपये जुर्माना भरना पड़ता है.

लेकिन इसके बावजूद, अपनी पहचान का दिखावा करने की क्या जरूरत है? आखिर क्यों बढ़ रहा है ये ट्रेंड? देखिए पूरा वीडियो.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें