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घरेलू हिंसा: औरतों के लिए ‘स्टे होम स्टे सेफ’ कितना मुश्किल?

लॉकडाउन में अब्यूसिव पार्टनर्स के साथ क़ैद औरतों के मुद्दों पर एक्सपर्ट्स से बात करेंगे आज बिग स्टोरी में.

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भारत में घरेलु हिंसा हमेशा से एक बड़ा सामाजिक मुद्दा रहा है. लॉकडाउन से पहले जो औरतें अपने अब्यूसिव पतियों के घर से जाने का इंतजार करती थी, ताकि वो चैन की सांस कुछ घंटो के लिए ही सही, मगर ले सकें. वो अब उन्ही जुल्म ढाते पतियों के साथ अपने घरों में बंध हो चुकी हैं. कुछ के पास तो खुद का फोन भी नहीं होता तो हिंसा के बाद मदद कैसे मांगे, और कोई मदद देने के लिए आना भी चाहे तो लॉकडाउन में वो कैसे मुमकिन है? ऐसे बढ़ते हुए मामलो की वजह से NCW ने एक अलर्ट जारी किया जिस में एक वॉट्सऐप नंबर दिया है - 7217735372

लेकिन बहुत साड़ी ऐसी औरतें भी हैं जो ये नंबर शायद इस्तेमाल ही न कर पाएं. इसके पीछे की वजह जानने के लिए, और लॉकडाउन में अब्यूसिव पार्टनर्स के साथ कैद औरतों के मुद्दों पर एक्सपर्ट्स से बात करेंगे आज बिग स्टोरी में.

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