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टावर तोड़फोड़ मामले में रिलायंस जाएगी HC, किसानों को दिया आश्वासन

बता दें कि किसान प्रदर्शन के दौरान खास तौर पर दो उद्योगपतियों अंबानी और अडानी का विरोध देखने को मिला है

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विवादित कृषि कानूनों से किनारा करते हुए देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस ने बयान जारी किया है. 4 जनवरी को रिलायंस ने बयान जारी किया है कि 'कंपनी न तो किसानों से सीधे तौर पर फसल खरीदती है और न ही कंपनी कॉन्ट्रेक्ट खेती के बिजनेस में शामिल है. कंपनी की आगे भी इस क्षेत्र में आने की योजना नहीं है.' बता दें कि किसान प्रदर्शन के दौरान खास तौर पर दो उद्योगपतियों अंबानी और अडानी का विरोध देखने को मिला है. मुकेश अंबानी रिलांयस इंडस्ट्रीज के ही सर्वेसर्वा हैं.

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पिछले दिनों खबरें भी आई थीं कि पंजाब में कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने रिलायंस जियो के मोबाइल टावर को निशाना बनाया और संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया है. रिलायंस ने भी इसको लेकर बयान जारी किया था.

रिलायंस ने किया हाईकोर्ट का रुख

रिलायंस जियो के मोबाइल टावरों को क्षतिग्रस्त करने के मामले में कंपनी ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया है. कंपनी ने कोर्ट से मांग की है कि सरकार इस तरह के मामलों में तत्काल दखल दे.

रिलायंस ने अपने बयान में लिखा है कि-

इस तरह की हिंसा की घटनाओं से हमारे हजारों कर्मचारियों की जिंदगी खतरे में है. इसके साथ ही कंपनी के कई सारे कम्यूनिकेशन उपकरणों, सेल्स और सर्विस आउटलेट्स को नुकसान पहुंचाया गया है. उपद्रवी तत्वों ने रिलायंस के ठिकानों पर उत्पात मचाया जिन्हें हमारे कारोबारी प्रतिस्पर्धियों ने सहायता पहुंचाई है.
रिलायंस
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प्रतिद्वंदी मौजूदा किसान आंदोलन का उठा रहे फायदा: रिलायंस

रिलायंस ने अपने बयान में कहा है कि उनके कारोबारी प्रतिद्वंदी मौजूदा किसान आंदोलन का सहारा लेकर कंपनी का नाम खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले दिनों इसी मामले को लेकर जियो ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) को वोडाफोन-आईडिया और भारती एयरटेल के खिलाफ शिकायत की थी. कंपनी का आरोप था कि कंपनी किसान आंदोलन का गलत फायदा उठाकर सिम पोर्ट करवा रही है.

जियो ने अपने लेटर में लिखा था- “बड़ी संख्या में पोर्ट आउट कराने की रिक्वेस्ट आ रही हैं, जहां कस्टमर इसे ही अकेली वजह बता रहे हैं. इन कस्टमर को जियो की सर्विस से कोई शिकायत या दिक्कत नहीं है.”
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टेलीकॉम कंपनियों ने आरोपों को किया था खारिज

जियो की शिकायत पर तब भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने इसे पूरी तरह से आधारहीन बताया था. भारती एयरटेल ने ट्राई को इस बारे में पत्र लिखकर जियो के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था और कंपनी की पार्दर्शिता और साफगोई का हवाला दिया था.

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