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मोहन भागवत बोले- अर्बन नक्सलियों को पाकिस्तान और इटली से समर्थन 

भागवत ने कहा की स्त्री पुरुष समानता अच्छी बात है, लेकिन सालों से चली आ रही परंपरा का सम्मान नहीं किया गया.

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भारत
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भगवत ने विजयादशमी पर्व और आरएसएस के स्थापना दिवस के मौके पर अपने संबोधन में अर्बन नक्सल, सबरीमाला और राम मंदिर मुद्दे का जिक्र किया. भागवत ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द कानून बनाकर राम मंदिर का निर्माण कराना चाहिए.

इसके अलावा भागवत ने अर्बन नक्सल, लेफ्ट विचारधारा, पाकिस्तान समेत चीन पर भी जमकर हमला बोला.

पिछले कुछ दिनों में छोटी-छोटी बातों को लेकर आंदोलन हुए जिन्हें बड़ा बना दिया गया. लेकिन जो भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाते हैं, जो आतंकवादियों से संबंध रखते हैं वो भी इस आंदोलन में दिखते हैं. इसका राजनीतिक लाभ भी लिया जा रहा है. इसका कंटेंट पाकिस्तान और इटली में बैठे लोगों की तरफ से आ रहा है. आजकल अर्बन माओवादी की बात सामने आई है, माओवाद हमेशा अर्बन ही रहा है. कुछ लोग बंदूक के दम पर सत्ता को हथियाना चाहते हैं.
मोहन भागवत, आरएसएस चीफ
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बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज अपनी 93वीं स्थापना दिवस मना रही है. नागपुर में हो रहे इस कार्यक्रम में संघ ने नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश विद्यार्थी को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया है. साथ ही केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.

सबरीमाला पर क्या बोले भागवत?

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री के मुद्दे पर भागवत ने कहा की स्त्री पुरुष समानता अच्छी बात है, लेकिन सालों से चली आ रही परंपरा का सम्मान नहीं किया गया. जिन्होंने याचिका डाली वो कभी मंदिर नहीं गए, जो महिलाएं आंदोलन कर रही हैं वो आस्था को मानती हैं.

उन्होंने कहा, ये परंपरा है, उसके पीछे कई कारण होते हैं. कोर्ट के फैसले से वहां पर असंतोष पैदा हो गया है. महिलाएं ही इस परंपरा को मानती हैं. धार्मिक परम्पराओं के प्रमुखों का पक्ष, करोड़ों भक्तों की श्रद्धा, महिलाओं का बड़ा वर्ग इन नियमों को मानता है. इन सबकी बात नहीं सुनी गयी.

बता दें कि केरल में हिंसक विरोध और तनाव के बीच सबरीमला मंदिर के कपाट बुधवार को खुल गए. इस मंदिर में 10 से 50 साल की लड़कियों और महिलाओं की प्रवेश पर पाबंदी थी. लेकिन 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सबरीमाला में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी.
भागवत ने कहा की स्त्री पुरुष समानता अच्छी बात है, लेकिन सालों से चली आ रही परंपरा का सम्मान नहीं किया गया.
सबरीमाला मंदिर परिसर (फोटो: पंकज कश्यप के ब्लॉग से साभार)
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सरकार को कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण करना चाहिए

भागवत ने एक बार राम मंदिर बनने की बात कही, उन्होंने कहा, “रामजन्मभूमि पर जल्द से जल्द राम मंदिर बने इसलिए सरकार को कानून बनाकर मंदिर निर्माण करना चाहिए. यह हिंदू-मुसलमान का मसला नहीं है. यह भारत का प्रतीक है और जिस रास्ते से मंदिर निर्माण संभव है, मंदिर का निर्माण होना चाहिए.”

“हम किसी एक राजनीतिक पार्टी के साथ नहीं”

संघ और बीजेपी का रिश्ता किसी से छिपा नहीं है, यहां तक कि देश के पीएम भी खुद को संघ से जोड़कर देखते रहे हैं. लेकिन मोहन भागवत ने कहा,

हम किसी एक पार्टी के पीछे नहीं खड़े हैं, हमारा मकसद देश को सही तरीके से चलाना है. चुनाव में मतदान न करना अथवा NOTA के अधिकार का उपयोग करना, मतदाता की दृष्टि में जो सबसे अयोग्य उम्मीदवार है उसी के पक्ष में जाता है, इसलिए राष्ट्रहित सर्वोपरि रखकर 100 प्रतिशत मतदान आवश्यक है.
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“पाकिस्तान को डराना होगा”

मोहन भागवत ने पाकिस्तान को डराने की बात कहते हुए कहा,

“अभी हाल ही में पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ लेकिन उसकी हरकतों में कोई अंतर नहीं आया. हमको बचना तो पड़ेगा ही और बचने का सबसे अच्छा तरीका ये रहता है कि इतना बलवान बनो ताकि कोई हमारे ऊपर आक्रमण करने की हिम्मत ही ना कर पाए.”  

महात्मा गांधी से लेकर बोस को किया याद

मोहन भागवत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि हमारे देश में राजनीति को लेकर कई प्रयोग हुए.

महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के आधार पर राजनीति की कल्पना की. इसी वजह से पूरा देश अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट हुआ. हम किसी की दुश्मनी नहीं करते लेकिन जो हमसे दुश्मनी करते हैं, उनके लिए कुछ तो करना होगा.

बाबर ने हिंदू- मुसलमान को बांटा

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत अगर पंचामृत के मंत्र पर आगे बढ़ेगा तो एक बार फिर विश्वगुरू बन सकता है. एक भयानक आंधी बाबर के रूप में आई और उसने हमारे देश के हिंदू-मुसलमानों को नहीं बख्शा. उसके समाज रौंदा जाने लगा.

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