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रूसी विमान पर इस्लामिक स्टेट के हमले को नकारना है मुश्किल

रूसी विमान पर इस्लामिक स्टेट के हमले को नकारा जाना क्यों मुश्किल हैं, बता रहे हैं सी उदय भास्कर.

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  • रूसी विमान 30,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था जिसे कंधे पर रखकर चलाई जाने वाली मिसाइल से गिराना संभव नहीं.
  • इस्लामिक स्टेट के पास ऐसे अत्याधुनिक हथियार नहीं जिससे वो उड़ते विमान पर हमला कर पाएं.
  • लेकिन रूस द्वारा इस्लामिक स्टेट पर हो रहे लगातार हमले इस हादसे के पीछे इस्लामिक स्टेट के दावे को बल देते हैं.
  • अगर इस हादसे में इस्लामिक स्टेट का हाथ होने की पुष्टि होती है तो इराक-सीरिया क्षेत्र में रूस की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है.
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मिस्र के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल शर्म अल-शेख से रूसी शहर सेंट पीटर्सबर्ग के लिए उड़ान भरने वाला रूसी मेट्रोजेट विमान उड़ान भरने के 25 मिनट बाद ही क्रैश हो गया. इस्लामिक स्टेट ने इस विमान हादसे को अंजाम देने की जिम्मेदारी ली है जिसमें 224 लोगों की मौत हुई है.

लेकिन, रूसी सरकार ने इस्लामिक स्टेट के दावे को खारिज करते हुए इसे एक दुर्घटना बताया है.

इसके बावजूद क्या इस्लामिक स्टेट के दावे को खारिज करना आसान है. आइए जानते हैं...

क्या ऐसा संभव है?

इस्लामिक स्टेट ने मिस्र के सिनाई क्षेत्र में उड़ रहे रूसी विमान को मार गिराने का दावा किया है. लेकिन ये रूसी विमान 30,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था जिसे कंधे पर रखकर चलाई जाने वाली मिसाइल से गिराना संभव नहीं है. ये बात इस्लामिक स्टेट के दावे पर सवाल खड़ा करती है.

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लेकिन रूस से परेशान है इस्लामिक स्टेट

रूस ने हाल ही में सीरिया की असद सरकार के समर्थन में उतरते हुए इस्लामिक स्टेट पर जोरदार हमला बोला है. एक तरफ से रूस और दूसरी तरफ से अमेरिकी हवाई हमलों ने इस्लामिक स्टेट को डिफेंसिव स्थिति में ला दिया है.

ऐसे में इस्लामिक स्टेट के पास इस हमले को अंजाम देने की भरपूर वजहें हैं.

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इस्लामिक स्टेट का दावा

इस्लामिक स्टेट के सैनिकों ने सिनाई क्षेत्र में 220 रूसी लोगों को लेकर जा रहे रूसी विमान कोे मार गिराया है. अल्लाह का शुक्र है कि सभी को मौत के घाट उतार दिया गया.

रूसी लोग कान खोल कर सुन लें कि वो और उनके समर्थक मुस्लिम जमीन और आसमान पर सुरक्षित नहीं रह सकते.

सीरिया में तुम्हारे विमान हर रोज दर्जनों को मौत के घाट उतार रहें हैं, इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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MH17 विमान क्रैश से संबंध

हालांकि, इस्लामिक स्टेट का दावा शक के योग्य ही है और अब तक के रिपोर्ट्स के अनुसार इस्लामिक स्टेट 30,000 फीट पर उड़ते विमान को निशाना बनाने में सक्षम नहीं है. लेकिन, क्या कोई आईएस समर्थक राष्ट्र आईएस को ये ताकत दे सकता है?

मलेशिया के MH17 विमान को भी यूक्रेन में मार गिराया गया था. उस वक्त भी इसी तरह के कयास लगाए गए थे. मलेशियाई विमान पर हमला करने के लिए आज तक किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सका है.

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दक्षिण एशियाई देशों पर मंडराता खतरा

भारत समेत सभी दक्षिण एशियाई देशों के हवाई अड्डों पर आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है.

कुछ ही साल पहले पाकिस्तान के क्वेटा (2012) और पेशावर (2013) हवाई अड्डों पर हमले हुए थे जिसकी जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली थी.

ऐसे में इस्लामिक स्टेट की आसमानी शक्ति पर करीब से नजर रखा जाना जरूरी है. ऐसी स्थिति में आशा करनी चाहिए कि रूस और मिस्र की सरकारें इस विमान हादसे के सही कारणों का जल्द से जल्द पता लगाएंगी.

अगर, इस मामले में इस्लामिक स्टेट का दावा सही साबित हो जाता है तो रूस इसका जवाब जरूर देगा.

(ये लेख सबसे पहले The Quint पर अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ)

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