टीवी चैनलों पर करीब डेढ़ दशकों से छाए रहने वाले दाती महाराज उर्फ शनि महाराज उर्फ मदनलाल राजस्थानी के खिलाफ अपनी ही शिष्या के साथ रेप का आरोप दर्ज हो चुका है . सुबह - शाम शनि धाम में आसन जमा कर कथा बांचने वाले और किस्मत बदलने का दावा करने वाले दाती महाराज गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो गए है . बाबा देश छोड़कर रफूचक्कर हो जाए इसलिए दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया है . सभी एयरपोर्ट को सतर्क कर दिया गया है .
इस बीच खुद को ‘शनि अवतार’ की तरह पेश करने वाले दाती महाराज के धतकर्मों की फेहरिश्त और अश्लील किस्से सामने आने लगे हैं.
राजस्थान के पाली गांव का मदनलाल कैसे दिल्ली के शनिधाम का दाती महाराज बन गया, इसकी दिलचस्प कहानी जानने से पहले जान लीजिए कि दाती महाराज ने अपनी शिष्या को शिकार बनाते वक्त क्या कहा था.
पीड़ित लड़की की शिकायत के मुताबिक, दाती महाराज ने अपनी उस शिष्या से कहा:
मैं तुम्हारा प्रभु हूं. क्यों इधर-उधर भटकना. मैं सब वासना खत्म कर दूंगा.
दाती महाराज ने उस लड़की से ये तब कहा, जब दाती महाराज की ही एक सेवादार श्रद्धा उर्फ नीतू ‘चरण सेवा’ के लिए पीड़ित लड़की को दिल्ली के असोला वाले शनिधाम में ले गई थी. उस लड़की को बहला-फुसलाकर दाती के अंधेरे गुफानुमा कमरे में सफेद कपड़े पहना कर भेजा गया था.
पुलिस में मामला दर्ज कराने के बाद कोर्ट में बयान दे चुकी उस पीड़ित लड़की के मुताबिक, ये घटना 9 जनवरी 2016 की रात की है. उस लड़की के साथ दाती महाराज पूरी रात ऐसी ऐसी हरकतें करते रहे, जिसे लिखा नहीं जा सकता. उस रात दाती महाराज ने उस लड़की को अपना पेशाब तक पीने को मजबूर किया.
पीड़ित लड़की की तरफ से दर्ज एफआईआर के मुताबिक, ‘असोला के बाद मार्च महीने में राजस्थान के पाली वाले आश्रम में भी यही सब दोहराया गया. दाती और उसके तीन अंतरंग चेले अर्जुन, अशोक और अनिल भी उसके साथ लगातार कई दिनों तक दुष्कर्म करते रहे. आश्रम के बंद कमरों में जानवरों की तरह इस लड़की को नोचते-खसोटते रहे. ये सब उसके साथ ‘चरण सेवा’ के नाम पर किया जाता रहा.
उसने विरोध किया तो दाती की सबसे खास चेली नीतू ने ये कहकर ब्रेन वाश करने की कोशिश की कि ‘इससे तुम्हें मोक्ष प्राप्त होगा. यह भी सेवा ही है‘. दाती महाराज और उसके दुष्कर्मी चेलों के सामने उस लड़की को शिकार बनाकर पेश करने वाली नीतू उसे समझाते हुए कहती थी, ''तुम बाबा की हो और बाबा तुम्हारे. तुम कोई नया काम नहीं कर रही हो. सब करते आए हैं. कल हमारी बारी थी. आज तुम्हारी बारी है. कल न जाने किसकी होगी. बाबा समंदर हैं. हम सब उसकी मछलियां हैं. इसे कर्ज समझ कर चुका लो.''
राजस्थान के पाली स्थित आश्रम में लगातार तीन दिनों तक शनि महाराज का ‘शारीरिक टॉर्चर’ झेलने के बाद टूट चुकी लड़की को दाती ने कहा था, ''अब तुम्हारी सेवा पुरी हुई.''
उस लड़की का कहना है कि दाती की ये बात सुनकर वो सन्न रह गई थी और आज तक नहीं भूल सकी. दिल्ली की रहने वाली उस लड़की का कहना है कि शनि महाराज और उनके गुर्गों के डर वो इतने दिन तक चुप रही. जब घुट-घुटकर जीना भी मुश्किल होने लगा, तो वो पुलिस के पास पहुंच गई. उसने ये भी कहा है कि उसकी जान को खतरा है, फिर भी वो किसी भी सूरत में इस दाती महाराज को बेनकाब करना चाहती है.
अभी लड़की के आरोपों की जांच होनी है और दाती महाराज के कर्मों की कुंडली बननी है. ये वो बाबा लोग हैं, जो हजारों-लाखों की भीड़ में प्रवचन देते हैं. अवतारी संत-महात्मा की तरह टीवी चैनलों पर कष्ट निवारक और किस्मत सुधारक मंत्र देते हैं.
तमाम बाबाओं के शिकंजे में फंसी लड़कियों की कहानियां भी ऐसी ही है. बलात्कार के ऐसे मामले में सालों तक जेल की रोटी खाने के बाद सजायाफ्ता कैदी बन चुके ‘परम पूज्य आसाराम बापू जी महाराज’ के घिनौने कारनामों से गूगल का सर्च इंजन भरा पड़ा है.
हरियाणा के सिरसा में डेरा जमाकर अरबों का मायावी साम्राज्य खड़ा करने वाले बाबा राम रहीम और दिल्ली में आश्रम खोलकर लड़कियों का शोषण करने वाला अध्यात्मिक गुरु वीरेन्द्र दीक्षित के अश्लील और शर्मनाक किस्सों पर भी अभी वक्त की परत नहीं जमी है.
डेरा सच्चा सौदा की ‘अश्लील गुफा’ के किस्से भी उन्हीं चैनलों ने बताए थे, जिन चैनलों पर राम रहीम कुछ ही दिन पहले तक कथा बांचा करते थे.
बीते साल दिसंबर में ही दिल्ली के रोहिणी इलाके में अध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम से आश्रम चलाने वाला वीरेन्द्र देव का नकाब उतरा, तो पता चला कि वो 12 साल से 28 साल की लड़कियों को अपने आस-पास रखता था. उन्हें बहला कर, डरा कर या ब्रेन वाश करके अपना शिकार बनाता था. रेप करता था. छेड़खानी करता था. नग्न होकर उनसे मालिश करवाता था.
अगर कोई लड़की बाबा की हरकतों का विरोध करती थी तो कहता था: मैं भगवान कृष्ण हूं, जैसे कृष्ण की कई रानियां थीं, तुम भी मेरी रानी बन जाओगी.
आश्रम की एक लड़की के मुताबिक ‘बाबा वीरेन्द्र देव’ कहता था कि मेरी 16000 गोपियां हैं. तुम भी मुझसे आशीर्वाद लोगी और मुझसे संबंध बनाओगी तो तुम्हें भी मोक्ष मिल जाएगा.
वीरेन्द्र दीक्षित आश्रम में लड़कियों को कैदी की तरह रखा जाता था. हर तरफ इतनी तालेबंदी थी कि कोई अपनी मर्जी से बाहर नहीं जा सकती थी. इस कुकर्मी बाबा की घिनौनी करतूतों का खुलासा तब हुआ, जब राजस्थान की एक लड़की ने वहां से भागकर अपने घरवालों को सारी बात बताई. तब बाबा के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
जांच के दौरान ये भी पता चला कि बाबा उस आश्रम में देर रात विदेशी गाड़ियों के काफिले के साथ आता था. महिलाओं और लड़कियों को भी देर रात आश्रम से जाते-आते देखा जाता था. शक है कि वहां की लड़कियों को बाहर भी जिस्मफरोशी के लिए भेजा जाता था.
कहा ये भी जा रहा है कि बाबा के अनुयायी इन लड़कियों को नशा देकर भी रखते थे. उन्हें बाबा का वीडियो दिखाया जाता था. फिर बाबा के साथ रिश्ते बनाने के लिए तैयार किया जाता था. जो नहीं तैयार होती थी, उनके साथ जोर जबरदस्ती भी होती थी.
गूगल पर अगर आप बाबाओं की गिरफ्तारी या बलात्कारी बाबा जैसे ‘की-वर्ड ‘ से सर्च करें तो देश के कोने-कोने से धरे-पकड़े गए छोटे-बड़े बाबाओं की जन्मकुंडली खटाक से सामने आ जाएगी.
बलात्कार, छेड़छाड़ और हत्या से लेकर करोड़ों के गोरखधंधे में फंसे लगभग सभी बाबाओं की कहानी लगभग एक सी ही होती है. चाहे वो राम रहीम हो, आसाराम हो, वीरेन्द्र दीक्षित हो, नित्यानंद हो या फिर इस लिस्ट में नए नए दाखिल हुए दिल्ली में दुकान लगाने वाले शनि महाराज उर्फ दाती महाराज. ये सबके सब मक्कारी के कलंदर हैं.
बाबा बनने से पहले कोई छोटा-मोटा धंधा करता था. कोई चाय बेचता था. कोई पंक्चर की दुकान चलाता था. कोई हलवाई की दुकान में मिठाई बनाता था, तो कोई किसी स्कूल में टीचर की नौकरी करता था. कोई अपने गांव के बाबा की चेलागिरी करते-करते खुद बाबा बन बैठा, तो कोई हरिद्वार के मठों से ‘गुरुज्ञान’ लेकर पाखंड के महामंडलेश्वर अवतार में धंधा जमाकर बैठ गया .
दाती महाराज भी कभी चाय बेचने वाला मदनलाल था
राजस्थान के पाली जिले के एक गांव में ढोल बजाकर रोटी कमाने वाले मेघवाल समुदाय के देवाराम के घर पैदा हुआ मदनलाल किसी जमाने में दिल्ली में चाय की दुकान में काम करता था. फिर कैटरिंग के धंधे में हाथ आजमाते हुए एक ज्योतिषी से जन्मपत्री देखने का गुर सीखकर ज्योतिषी बन गया. ज्योतिष का खेल समझने के बाद मदनलाल दाती महाराज बन गया और दिल्ली की कैलाश कॉलोनी में ज्योतिष केन्द्र चलाने लगा.
कुछ नेताओं के संपर्क में आने के बाद उसके दिन फिर गए और वो फतेहपुर बेरी में शनि मंदिर का शनि महाराज बन गया.
एक टीवी चैनल ने उसे स्लॉट देकर देश भर में ख्याति दे दी और पाली में ढोल बजाने वाले का चाय बेचने वाला बेटा दाती महाराज बन गया. कई एकड़ में उसका आश्रम बन गया. हर शनिवार को उसके आश्रम में मेला लगने लगा. टीवी चैनलों पर बाबा को देख देखकर शनिवार अमावस्या को हजारों लोग जुटने लगे और दाती महाराज का सितारा चमक गया. वही दाती महाराज अब सामूहिक दुष्कर्म का आरोपी बनकर सुर्खियों में है.
किसी छोटे से गांव, शहर या महानगर के गुमनाम कोने से तंत्र-मंत्र का रिटेल कारोबार करते-करते न जाने ऐसे कितने बाबा दस-पंद्रह साल के भीतर इस धंधे के थोक कारोबारी हो जाते हैं. कामयाब बिजनेसमैन के रिटेल चेन की तरह देश के दर्जनों शहरों में आश्रम खोल लेते हैं. ज्यादा मायावी हुए तो उन्हें देश की सरहद लांघते देर नहीं लगती. सात समंदर पार भी उनकी दुकानें खुलने और चलने लगती हैं. अचानक जब किसी बाबा या धर्मगुरु के चेहरे से नकाब उतरता है तो हम सब चौंकते हैं. देश को पता चलता है कि जिस बाबा को लाखों लोग अराध्य मानते थे, वो बलात्कारी, पाखंडी और व्याभिचारी निकला.
जब तक नहीं पकड़ा जाता है, तब तक सबको उसकी चैरिटी दिखती है. जन कल्याण के काम दिखते हैं. पकड़े जाने पर पता चलता है कि ये सब दिखाने के लिए थे. धंधा तो कुछ और ही था. सारे बाबाओं के इर्द-गिर्द उनके वफादार गुर्गों का घेरा होता है. गुर्गों की इस टोली को ज्यादातर आश्रमों में सेवादार कहा जाता है.
ये सेवादार अपने बाबा की हर तरह से ‘सेवा’ करते और कराते हैं. ऐसी सेवादारों ने दिल्ली की लड़की को दाती महाराज के हवाले किया था और यूपी को लड़की को आसाराम के हवाले. विदेशी गाड़ियों पर चलने वाले और अय्याशियों के तमाम संसाधनों के बीच रहने वाले ये व्याभिचारी बाबा लोग धर्म को भी बदनाम करते हैं और कर्म को भी.
ऐसे बाबा, तांत्रिक, मौलवी, पादरी और धर्मगुरु भोले-भाले लोगों को तमाम तरह के डर दिखाकर तंत्र-मंत्र की दुकानें चलाते हैं. लड़कियों का शोषण करते हैं. जमीनों पर कब्जे करके आश्रम बनाते हैं. दस तरह के काले धंधे करते हैं. नेताओं, उद्योगपतियों, कलाकारों, फिल्मी हस्तियों और रसूखदार चेहरों से निकटता बढ़ाकर अपना प्रभामंडल तैयार करते हैं. लोगों को लगता है कि इतने ताकतवर लोग जब बाबा जी के भक्त हैं, तो हम क्या चीज हैं.
एक बार ऐसे बाबाओं की दुकान चल पड़ती है, तो फिर इन पर हाथ डालना भी किसी के लिए आसान नहीं होता. पीएम-सीएम के साथ की तस्वीरें इनकी दुकानों को वैधता प्रदान करती हैं. सत्ता और सियासत का संरक्षण ऐसे बाबाओं को महिमामंडित करता है. जिसके दरबार में खाकी और खादी दोनों नतमस्तक हों, उसका ‘मायावी कारोबार’ कब करोड़ों -अरबों की सीमा पार कर जाता है, पता ही नहीं चलता. जो पकड़ा गया, वो बेनकाब हुआ. जो गुरुघंटाल बाबा चोला पहनकर छिपा है, वो धर्म की आड़ में मक्कारी और पाखंड का कारखाना चला रहा है.
अपने वर्तमान और भविष्य से डरे धर्मभीरू लोग जब तक बाबाओं के चक्कर में पड़ते रहेंगे, तब शोषण के शिकार होते रहेंगे और इनकी दुकानें चलती रहेंगी. आज कोई पकड़ा गया. कल कोई पकड़ा जाएगा.
(अजीत अंजुम सीनियर जर्नलिस्ट हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है. )
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