नंदीग्राम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी चुनाव प्रचार के दौरान चोटिल हो गईं. इस घटना के बाद पहले ही ध्रुवीकरण का सामना कर रहा बंगाल चुनाव और ज्यादा बंटा हुआ दिख रहा है.
सी-वोटर ने 1500 लोगों पर एक सर्वे किया है. इस सर्वे में शामिल होने वाले 44.2% लोगों का मानना है कि ममता बनर्जी का ये दावा सही है कि उन पर '4-5 गुंडों ने हमला किया'. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों की तरह 39.2% लोग मानते हैं कि ये घटना एक 'ड्रामा' है. वहीं करीब 16.6% लोगों का कहना है कि 'नहीं कह सकते क्या हुआ.'
बता दें कि ममता बनर्जी के साथ घटी दुर्घटना को कई सारे विपक्षी नेताओं ने 'ड्रामा' बताया है. बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष, कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी और सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम सभी ने करीब-करीब एक ही तरह का रिएक्शन दिया है.
बीजेपी-लेफ्ट की तुलना में कांग्रेस समर्थकों को ममता के दावे पर ज्यादा भरोसा
बीजेपी और लेफ्ट समर्थक विपक्षी दलों के 'ड्रामा' वाले दावे का ज्यादा समर्थन करते नजर आए. वहीं कांग्रेस समर्थक ममता बनर्जी के दावे को सही मान रहे हैं.
सर्वे में हिस्सा लेने वाले कांग्रेस समर्थकों में से 47.6 परसेंट समर्थक ममता बनर्जी के दावे को सही मानते हैं. वहीं सिर्फ 31 परसेंट कांग्रेस समर्थक ही विपक्षी नेताओं के दावे को सही मानते हैं. बचे हुए कांग्रेसियों का मानना है कि 'कह नहीं सकते'.
इसका साफ मतलब है कि कांग्रेस समर्थकों का ज्यादातर हिस्सा अपने नेता अधीर रंजन चौधरी की बजाए ममता बनर्जी के दावे को सही मानता है.
वहीं करीब 46.4 परसेंट लेफ्ट समर्थक विपक्षी नेताओं के दावे को सही मानते हैं. सिर्फ 30.4 लेफ्ट समर्थक ही टीएमसी चीफ के दावे को सही मानते हैं.
अब बात बीजेपी समर्थकों की. 63 परसेंट बीजेपी समर्थक मानते हैं कि विपक्षी नेताओं का दावा सही है, वहीं सिर्फ 22.8 परसेंट समर्थकों का मानना है कि ममता बनर्जी सही बोल रही हैं.
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि करीब दो तिहाई टीएमसी समर्थक ममता बनर्जी के दावे का समर्थन करते हैं. सिर्फ 17 परसेंट लोग ऐसा नहीं मानते हैं.
नंदी ग्राम हादसे से किसका फायदा?
नंदीग्राम में जो कुछ हुआ उसका फायदा किसे होगा? ये सवाल पूछे जाने पर 44.1परसेंट लोगों का मानना है कि इससे टीएमसी को फायदा होगा. वहीं 34.1 परसेंट लोगों का मानना है कि इससे बीजेपी का फायदा होगा. वहीं सिर्फ 12.2 लोगों का मानना है कि इससे लेफ्ट-कांग्रेस-ISF गठबंधन को फायदा होगा. सिर्फ 9.6 परसेंट लोगों का कहना है कि 'बता नहीं सकते,'
ज्यादातर टीएमसी और कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि 'टीएमसी को फायदा होगा.' वहीं लेफ्ट और बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि 'टीएमसी को नुकसान होगा'
सर्वे के मुताबिक 67.7 परसेंट टीएमसी समर्थक और 53.6 परसेंट कांग्रेस समर्थकों ने कहा कि नंदीग्राम में जो हुआ उससे टीएमसी को फायदा होगा.
दूसरी तरफ 59.3% बीजेपी समर्थकों का कहना है कि बीजेपी को ही फायदा होगा. लेफ्ट समर्थक इस मामले में बंटे हुए दिखाई दिए. 36.6 परसेंट लेफ्ट समर्थकों का कहना है कि उनकी पार्टी को फायदा होगा, वहीं 28 परसेंट का मानना है कि टीएमसी को फायदा होगा.
अब ज्यादा लोगों का मानना कि टीएमसी जीतेगी!
भले ही अनुमानित वोट शेयर के मामले में टीएमसी आगे हो. लेकिन जब लोगों से सवाल पूछा गया कि- 'भले ही आप किसी भी पार्टी को सपोर्ट करते हों लेकिन बंगाल चुनाव कौन जीतेगा?' इस सवाल पर ज्यादा लोगों का जवाब बीजेपी के पक्ष में था.
इसका मतलब है कि भले ही ज्यादा लोगों का कहना है कि वो टीएमसी को वोट देंगे, लेकिन ज्यादा लोगों का मानना है कि बीजेपी चुनाव जीतेगी.
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