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बंगाल: हिंसा, आरोप और बंपर वोटिंग, पहले चरण में किसे कितना फायदा?

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण में करीब 80% मतदान हुआ

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग हुई. पहले चरण में बंपर 79.79% वोटिंग हुई. लोगों में वोट डालने को लेकर काफी उत्साह देखा गया. कुल 30 विधानसभा सीटों के लिए हुई वोटिंग में पूर्व मेदिनीपुर में सबसे ज्यादा 82.51 फीसदी वोटिंग हुई. पहले चरण के दौरान बंगाल के कुछ इलाकों में हिंसा भी देखने को मिली, हालांकि हालात काबू में रहे.

बंगाल के अलावा असम में भी 47 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले गए. जहां पहले चरण में कुल 75.04 फीसदी वोटिंग हुई.

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पहले चरण के क्या हैं समीकरण?

अब इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले ही चरण में बंपर वोटिंग हुई है, बीजेपी और टीएमसी खुद के लिए इसके अलग ही मायने निकालने में जुट गई हैं. लेकिन अगर पिछले कुछ चुनावों को देखा जाए तो पश्चिम बंगाल के लोगों ने ऐसे ही दिल खोलकर वोट किया है.

अब पहले चरण के दौरान बंपर वोटिंग की तुलना 2019 में हुए लोकसभा चुनावों से करें तो बीजेपी का खुश होना बनता है. क्योंकि अगर लोकसभा चुनावों वाला ट्रेंड कुछ हद तक भी इन सीटों पर दिखा तो पार्टी को फायदा हो सकता है.

पहले चरण में जिन 30 सीटों पर वोटिंग हुई, उनमें से 2019 में 16 पर बीजेपी की बढ़त थी. वहीं टीएमसी को 10 सीटों पर ज्यादा वोट मिले. लेकिन यहां टीएमसी के लिए एक और बुरी खबर है कि इन 10 सीटों में से 4 विधानसभा सीटें उस क्षेत्र में आती हैं, जहां सिसिर अधिकारी ने चुनाव लड़ा था. सुवेंदु अधिकारी के पिता सिसिर अधिकारी अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, ऐसे में टीएमसी के वोट पर फर्क पड़ सकता है. इन सीटों पर ममता की पार्टी को नुकसान झेलना पड़ सकता है.
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टीएमसी-बीजेपी ने किए दावे

अब बीजेपी नेताओं ने पहले चरण के इस मतदान को अपने लिए उत्साह भरा बताया है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बंपर वोटिंग टर्नआउट को बीजेपी की जीत का संकेत बताया. उन्होंने कहा कि ट्रेंड बता रहा है कि बीजेपी राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है.

बीजेपी नेता बीएल संतोष ने ट्विटर पर लिखा कि, पश्चिम बंगाल के पहले चरण की वोटिंग को लेकर काफी अच्छी रिपोर्ट आ रही है. वोटर काफी उत्साह के साथ बूथ पर पहुंच रहे हैं. ये अगले 7 फेज की वोटिंग के लिए पार्टी कैडर के उत्साह को बढ़ाने का काम करेगा. वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने एक बार फिर दावा किया कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है.

पहले चरण के मतदान के बाद टीएमसी नेताओं ने भी खूब खुशी जाहिर की. टीएमसी सांसद काकोली घोष ने ट्विटर पर लिखा कि,

“किस्मत बहुत पहले लिख दी गई थी. जैसे ही चुनाव का पहला चरण खत्म होता है, टीएमसी एक बड़ी लीड को लेकर सुनिश्चित हो जाती है. बीजेपी की तमाम मशीनरी के बावजूद बंगाल की जनता अपनी बेटी के साथ मजबूती से खड़ी है.”

उनके अलावा भी कई टीएमसी नेताओं ने इसी तरह पहले चरण के मतदान के बाद अपनी जीत का दावा किया और बताया कि उन्हें बंगाल की जनता का साथ मिल रहा है.

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पहले चरण के दौरान हिंसा की घटनाएं

अब पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य में पहली बार 8 चरणों में मतदान हो रहा है. पहले चरण की शुरुआत में भले ही हालात काबू में रहे हों, लेकिन कुछ जगहों पर हिंसा की घटनाएं हुईं. पश्चिम बंगाल के ईस्ट मेदिनीपुर में भी हिंसा हुई. यहां वोटिंग से पहले हुई फायरिंग की एक घटना में दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. बीजेपी ने कहा कि टीएमसी वोटिंग को प्रभावित करने के लिए ऐसा कर रही है. इसके अलावा सुवेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी की कार पर भी हमला हुआ. इसका भी आरोप टीएमसी पर लगाया गया. सौमेंदु के भाई दिब्येंदु अधिकारी ने इस हमले के लिए टीएमसी के ब्लॉक अध्यक्ष राम गोविंद दास पर आरोप लगाया.

वीवीपैट में गड़बड़ी का आरोप

पूर्व मेदिनीपुर जिले की कांठी दक्षिण सीट पर कई वोटर्स ने प्रदर्शन किया. यहां पर वोटर्स ने ईवीएम-वीवीपैट में गड़बड़ी का आरोप लगाया. उनका कहना था कि जब उन्होंने अपना वोट डाला तो वीवीपैट ने उस पार्टी की पर्ची निकाली, जिसे उन्होंने वोट नहीं किया था. साथ ही ये पर्चियां एक ही पार्टी की निकल रही थीं. हालांकि इसके बाद चुनाव आयोग को लोगों की मांग पर वीवीपैट मशीन को बदलना पड़ा.

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दोनों तरफ से शुरू हुआ ऑडियो वॉर

अब पहले चरण के मतदान के दौरान पहले बीजेपी की तरफ से एक ऑडियो जारी किया गया. मीडिया के सामने जारी किए गए इस ऑडियो में बीजेपी ने दावा किया कि उन्होंने नंदीग्राम के एक बीजेपी नेता से संपर्क कर चुनाव में मदद मांगी. बीजेपी ने कहा कि ममता बनर्जी पूरी तरह से घबरा गई हैं. वहीं इसके जवाब में टीएमसी ने भी एक ऑडियो जारी कर दिया. जिसमें दावा किया गया कि बीजेपी नेता मुकुल रॉय और अन्य नेता चुनाव आयोग को प्रभावित करने की बात कर रहे हैं. टीएमसी ने दावा किया कि जैसी 'फोन पर बातचीत हुई ठीक उसी तरह चुनाव आयोग ने दूसरे दिन किया.' हालांकि दोनों ऑडियो क्लिप्स की प्रमाणिकता को लेकर अब तक कुछ साफ नहीं हुआ है.

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