उरी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़े पाकिस्तान में आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए थोड़ी सुगबुगाहट दिखाई दे रही है. नवाज शरीफ सरकार ने पाकिस्तानी मिलिट्री से जैश-ए-मोहम्मद और दूसरे आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.
पाकिस्तान के डॉन न्यूज के मुताबिक, पाक सरकार के अधिकारियों ने मंगलवार को हुई एक खुफिया मीटिंग में खुले तौर पर सेना के अधिकारियों की खिंचाई कर डाली.
मीटिंग में सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना की ओर से आईएसआई चीफ रिजवान अख्तर ने हिस्सा लिया. पाकिस्तानी विदेश सचिव एजाज चौधरी ने मीटिंग में यह कहकर सबको चौंका दिया:
चीन ने पाकिस्तान के लिए अपना समर्थन तो जारी रखा है, लेकिन वह भी चाहता है कि पाकिस्तान बदलाव लाए. अजहर मसूद के खिलाफ यूएन में वह टेक्निकल वीटो तो लगा रहा है, लेकिन वो इसके पीछे का लॉजिक जानना चाहता है.एजाज चौधरी, पाकिस्तानी विदेश सचिव
चौधरी ने मीटिंग में कहा कि पाकिस्तान इस वक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ रहा है.
मीटिंग के बाद आईएसआई डॉयरेक्टर जनरल रिजवान अख्तर और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर नासिर जांजुआ को पाकिस्तान के चारों प्रदेशों के दौरे पर भेजा गया है, ताकि वे आतंकी समूहों पर कार्रवाई का सरकारी संदेश ठीक तरह से आईएसआई और सेना के कमांडरों तक पहुंचा सकें.
मीटिंग में शाहबाज शरीफ और आईएसआई चीफ के बीच नोकझोंक भी हुई. पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने आरोप लगाया कि जब भी सरकारी एजेंसियां आतंकी समूहों पर कार्रवाई करती हैं, तो सेना की एजेंसियां उन्हें रोक देती हैं.
वहीं अमेरिका से बिगड़ते संबंधों पर चौधरी ने कहा कि हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों पर कार्रवाई न करने के चलते ये आगे और बिगड़ सकते हैं.
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