दलाई लामा की आने वाली अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर भारत और चीन के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. चीन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की अनुमति देकर भारत एक बड़ी गलती कर रहा है.
द्विपक्षीय संबंधों पर इसके गंभीर परिणाम होंगे. चीन कड़े तौर पर अरूणाचल में दलाई लामा की किसी भी गतिविधि का विरोध करता है, हमने अपनी चिंता भी भारत के सामने रखी है.लू कांग, विदेश मंत्रालय प्रवक्ता
अरुणाचल प्रदेश पर चीन की आपत्ति उसके दोहरे रवैये को सामने लाती है. एक ओर चीन पीओके में इकोनॉमिक कॉरिडोर बना रहा है जबकि इस प्रदेश पर भारत का दावा है दूसरी ओर दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा से ही उसे दिक्कत होती है. इकोनॉमिक कॉरिडोर के मुद्दे पर चीन का कहना है कि भारत को इस परियोजना के बारे में चिंता करने की जरुरत नहीं है इसका कश्मीर मुद्दे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
चीन दलाई लामा पर तिब्बत में अलगाववादी गतिविधियां चलाने का आरोप लगाता रहा है. दलाई लामा साल 1959 में तिब्बत पर चीन के अधिकार के बाद से ही भारत में निर्वासित जीवन जी रहे हैं. चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है.
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