आस्ट्रेलिया ने बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए 95,000 से ज्यादा अस्थायी विदेशी कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए जा रहे वीजा कार्यक्रम को आज खत्म कर दिया गया. इन कर्मचारियों में ज्यादातर भारतीय हैं. इस कार्यक्रम को 457 वीजा के नाम से जाना जाता है. इसके तहत कंपनियों को उन क्षेत्रों में चार साल तक विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति थी जहां कुशल आस्ट्रेलियाई कामगारों की कमी है.
प्रधानमंत्री मैलकॉम टर्नबुल ने कहा
आस्ट्रेलियाई कामगारों को अपने देश में रोजगार में प्राथमिकता मिलनी चाहिए, इसीलिए हम 457 वीजा समाप्त कर रहे हैं. इस वीजा के जरिए अस्थायी तौर पर विदेशी कर्मचारी हमारे देश में आते हैं.
457 वीजा रखने वालों में ज्यादातर भारत के हैं. उसके बाद ब्रिटेन और चीन का स्थान है.
उन्होंने कहा कि हम 457 वीजा को रोजगार का पासपोर्ट होने की अब अनुमति नहीं देंगे.
एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 सितंबर तक आस्ट्रेलिया में 95,757 कर्मचारी 457 वीजा कार्यक्रम के तहत काम कर रहे थे. अब इस कार्यक्रम की जगह दूसरा वीजा कार्यक्रम लाया जाएगा.
टर्नबुल ने कहा कि नया कार्यक्रम यह सुनिश्चित करेगा कि विदेशी कर्मचारी उन क्षेत्रों में काम करने के लिए आस्ट्रेलिया आएं जहां कुशल लोगों की काफी कमी है न कि केवल इसीलिए आयें कि कंपनी को आस्ट्रेलियाई कामगारों के बजाए विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करना आसान है.
ये घोषणा हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा से लौटने के बाद की है. वहां उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक उपायों, शिक्षा तथा उर्जा पर चर्चा की और छह समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए.
इनपुट: भाषा से
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