संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के एक्सपोर्ट पर पाबंदी और वहां निवेश की सीमाएं तय करने वाले अमेरिका के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है. उत्तर कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षणों के बाद कोरियाई देशों में तनाव बना हुआ था जिसे देखते हुए यह संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने यह फैसला किया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इस बैन का मकसद उत्तर कोरिया से कोयला और दूसरी चीजों के एक्सपोर्ट से होने वाले करीब 1 अरब डॉलर के सालाना रेवेन्यू को कमजोर करना है.
डोनाल्ड ट्रंप ने यूएन में दिया था प्रस्ताव
डोनल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद उत्तर कोरिया के खिलाफ उठाया गया यह पहला इस तरह का कदम है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका के इस प्रस्ताव में नकदी पर निर्भर उत्तर कोरिया से मछलियों और सीफूड के साथ-साथ कोयला, लोहा के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने की मांग की गई थी.
चीन के लिए बड़ा झटका
चीन उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. ऐसे में इस प्रस्ताव के पास होने से सबसे ज्यादा झटका चीन को लग सकता है. क्योंकि अमेरिका की ही तरह चीन भी संयुक्त राष्ट्र का परमानेंट मेंबर है. ऐसे में इस प्रस्ताव के खिलाफ चीन का जाना मुश्किल है.
सात बार लग चुका है उत्तर कोरिया पर बैन
4 जुलाई को उत्तर कोरिया ने एक इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट किया था जिसके बाद अमेरिका ने उत्तर कोरिया के खिलाफ यूएन में यह प्रस्ताव रखा था. लेकिन 28 जुलाई को उत्तर कोरिया ने एक बार फिर बैलेस्टिक मिसाइल टेस्ट कर डाला. जिसके बाद यूएन ने उत्तर कोरिया से एक्सपोर्ट और इन्वेस्टमेंट को लेकर बैन के प्रस्ताव को पास कर दिया.
उत्तर कोरिया पर साल 2006 में पहली बार परमाणु परीक्षण करने के बाद यूएन में बैन का प्रस्ताव पास हुआ था. अब तक कुल सात बार एक्सपोर्ट, व्यापार और कूटनीतिक रिश्तों को लेकर उत्तर कोरिया के खिलाफ यूएन में बैन का प्रस्ताव पास हो चुका है.
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