कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) कहा जाता है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi), यम चतुर्दशी (Yam Chaturdashi), रूप चतुर्दशी (Roop Chatirdashi) या रूप चौदस (Roop Chaudas) के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा विधि-विधान से की जाती है.
दिवाली से एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस त्योहार को छोटी दिवाली (Choti Diwali) भी कहा जाता है. इस साल छोटी दिवाली 26 अक्टूबर को मनाई जा रही है. इस दिन यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान का भी काफी महत्व है. मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन नदी में स्नान करने से इंसान को यमलोक के दर्शन नहीं करने पड़ते हैं.
Narak Chaturdashi के स्नान और दीपक दान का शुभ मुहूर्त
नरक चतुर्दशी के अभ्यंग स्नान का समय 05:15 से 06:29 तक है. वहीं शाम को 6 बजे से लेकर 7 बजे तक यम को दीप दान का करने समय शुभ है.
कैसे करें दीप दान
- घर के सबसे बड़े सदस्य को यम के नाम का एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए.
- इसके बाद इस दीये को पूरे घर में घुमाएं.
- अब घर से बाहर जाकर दूर इस दीये को रख आएं.
- घर के दूसरे सदस्य घर के अंदर ही रहें और इस दीपक को न देखें
दीपावली और लक्ष्मी पूजा
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त इस साल रात में 18:44 से 20:14 तक है. वहीं प्रदोष काल में17:40 से 20:14 तक है. वृषभ काल में 18:44 से 20:39 तक है.
Deepawali महालक्ष्मी पूजा
छोटी दिवाली के दूसरे दिन दिवाली या दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. दीपावली शब्द दीप और आवली से मिलकर बना है. दीप का अर्थ होता है दिया और आवली का अर्थ होता है श्रृंखला. इस पर्व को प्रकाश का उत्सव भी कहा जाता है. दीपावली की शाम को यानि प्रदोषकाल में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
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