Navratri 2021 Navami Date: महा नवमी का दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है. इस दिन दुर्गा पूजा की शुरुआत महास्नान और षोडशोपचार पूजा से होती है. महा नवमी पर देवी दुर्गा की पूजा महिषासुर मर्दिनी के रूप में की जाती है जिसका अर्थ है भैंस दानव का विनाशक. ऐसा माना जाता है कि महा नवमी के दिन दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था.
महानवमी के दिन लोग कन्या पूजन करते है ऐसे में हम आपको पूजन विधि व शुभ मुहूर्त बता रहें है. कन्या पूजन में कन्याओं को तोहफा दिया जाता है. ऐसे में अगर आप अभी तक तय नहीं कर पाए हैं कि आखिर इस नवरात्रि कन्याओं को क्या तोहफा दिया जाना चाहिए, तो हम आपके लिए कुछ गिफ्ट आइडिया लेकर आए है.
Maha Navami Puja Time: नवमी तिथि व शुभ मुहूर्त
अश्विना नवरात्रि पारण का समय शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2021 है.
नवमी तिथि आरंभ-13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार रात्रि 08 बजकर 07 मिनट से.
नवमी तिथि समाप्ति-14 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार शाम 06 बजकर 52 मिनट पर.
कन्या पूजन की विधि
जिन कन्याओं को आप भोज के लिए बुला रहे हैं, उन्हें एक दिन पहले ही न्योता दें.
कन्याओं को समय बता दें साथ ही एक बालक को भी कन्याओं के साथ भोज पर बुलाया जाता है.
जब कन्याएं घर में आएं तो फूलों से उनका स्वागत करें और उनके पैर धोकर आशीष लें.
कन्याओं को रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं और हाथ में मौली बांधें.
सभी कन्याओं और बालक को घी का दीपक दिखाकर आरती करें.
आरती के बाद सभी कन्याओं को भोग लगाएं.
उन्हें भोजन कराएं और अपनी इच्छानुसार उपहार देकर विदा करें.
कन्याओं को दें यें उपहार
स्टेशनरी आइटम
खिलौने और गेम्स
ज्वेलरी आइटम
स्नैक्स
कपड़े
बर्तन
हवन विधि व सामग्री
महा नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन हवन किया जाता है. हवन के लिए कर्पूर से आम की सूखी लकड़ियों को जला लें. अग्नि प्रज्ज्वलित होने पर हवन सामग्री की आहुति देकर मंत्र उच्चारण के साथ हवन किया जाता है.
आम या ढाक की सूखी लकड़ी, पान, सुपारी, लौंग, छोटी इलायची, कमल गट्ठे, मैनफल.
पीली सरसों, पंच मेवा, सिन्दूर, उड़द मोटा, शहद 50 ग्राम, ऋतु फल 5, केले.
नारियल, लाल कपड़ा, चुन्नी, गिलोय, सराईं, आम के पत्ते, सरसों का तेल, कपूर.
पंचरंग, केसर, लाल चंदन, सफेद चंदन, सितावर, कत्था, भोजपत्र, काली मिर्च, मिश्री, अनारदाना.
घी एक किलो, अगर, तगर, नागर मोथा, बालछड़, छाड़छबीला, कपूर कचरी, भोजपत्र, इन्द जौ, सितावर.
सफेद चन्दन बराबर मात्रा में थोड़ ही सामग्री में मिलावें, पीपल का तना और छाल, बेल, नीम.
पलाश, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, तिल, चावल, लौंग.
गाय का घी, गुग्गल, लोभान, इलायची, शक्कर, जौ, कलावा, लाल रंग का कपड़ा और एक हवन कुंड.
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