Sawan Adhik Maas Purnima 2023: श्रावण माह की पहली पूर्णिमा तिथि अधिक मास में पड़ी है, इसलिए इसे सावन अधिकमास की पूर्णिमा कहा जा रहा है. सावन अधिकमास पूर्णिमा आज मंगलवार, 1 अगस्त के दिन है. इस दिन भगवान सत्यनारायण का पूजन किया जाता है. मान्यता हैं सावन अधिकमास पूर्णिमा में देवी-देवताओं की उपासना और व्रत रखने से विशेष लाभ मिलता है. इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान व दान का विशेष महत्व माना गया है.
सावन अधिकमास पूर्णिमा तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिकमास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 1 अगस्त को सुबह 5 बजकर 21 मिनट से लेकर 2 अगस्त को सुबह 1 बजकर 31 मिनट तक रहेगी. ऐसे में श्रावण अधिकमास पूर्णिमा व्रत 1 अगस्त दिन मंगलवार यानी आज को रखा जाएगा. इस दिन श्रावण मास का तृतीय मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा.
Sawan Adhik Maasपूजा का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिकमास पूर्णिमा तिथि के दिन तीन बहुत ही शुभ योग बनने जा रहे हैं. इस दिन प्रीति योग और आयुष्मान योग बनेगा. वहीं, उत्तराषाढ़ नक्षत्र का भी निर्माण होने जा रहा है.
प्रीति योग- 31 जुलाई को रात 11.04 बजे से 1 अगस्त को शाम 6.52 बजे तक
आयुष्मान योग- 1 अगस्त को शाम 06.52 बजे से 2 अगस्त को दोपहर 2.33 बजे तक
उत्तराषाढ़ - 31 जुलाई को शाम 06.58 बजे से 1 अगस्त को शाम 04.03 बजे तक
Sawan Adhik Maas Purnima पूजन विधि
श्रावण मास की पहली पूर्णिमा पर मंगला गौरी व्रत का अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है. इस विशेष दिन पर स्नान, दान और पूजा-पाठ के साथ-साथ माता पार्वती और भगवान शिव की उपासना का सौभाग्य प्राप्त होगा. इस शुभ तिथि को पूजा-उपासना करने वालों को मनचाहे फल की प्राप्ति हो सकती है.
सावन अधिकमास पूर्णिमा पर गंगा नदी में स्नान करें. नदी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दें और मंत्रों का जाप करें. इसके बाद तुलसी पूजा करें. अधिक मास की पूर्णिमा के दिन तुलसी की विशेष पूजा होती है.
इसके बाद सत्यनारायण की कथा करें. फिर शाम को दीपक जलाएं. चन्द्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होता है, इसलिए इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से धन लाभ के साथ समृद्धि बनी रहती है.
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