Kark Sankranti 2022: कारक संक्रांति भगवान सूर्य की दक्षिणी यात्रा का प्रतीक है, दक्षिणायन जो छह महीने की अवधि है, कारक संक्रांति से शुरू होती है. कर्क संक्रांति मकर संक्रांति का प्रतिरूप है और इसे दान गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. 16 जुलाई 2022 को कर्क संक्रांति है इस दिन सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. मान्यता है कर्क संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से समस्त रोगों का नाश होता है और दोष दूर होते हैं. सूर्य की उपासना से सुख-समृद्धि, यश, कीर्ति और वैभव में बढ़ोत्तरी होती है.
Kark Sankranti 2022: शुभ मुहूर्त
कर्क संक्रान्ति शनिवार 16, जुलाई 2022 को
कर्क संक्रान्ति पुण्य काल - 12:27 PM से 07:21 PM तक
कर्क संक्रान्ति महा पुण्य काल - 05:03 PM से 07:21 PM तक
कर्क संक्रांति सूर्य पूजा विधि
कर्क संक्रांति पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद सूर्य देव को पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल अर्पित करें.
कर्क संक्रांति पर कुश के आसान पर खड़े होए.
जल में तिल, कुमकुम, चावल, गुडहल के फूल मिलाकर सूर्यदेव को अर्पित करें.
मंगल की शुभता पाने के लिए इस दिन जल में मिश्री मिलाकर सूर्य को चढ़ाएं.
मान्यता है कि सूर्य देव को मीठा जल अर्पित करने से मंगल के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
जल इस तरह चढ़ाएं की जल की गिरती धारा में सूर्यदेव के दर्शन हों.
ध्यान रहे कि जल चढ़ाते वक्त वो पैरों पर न गिरे.
इससे सूर्य देव का आर्शीवार नहीं मिलता.
र्घ्य देते वक्त सूर्य देव मंत्र 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' का जाप करें.
इसके बाद दाएं हाथ में थोड़ा सा जल लेकर चारों ओर छिड़कें और तीन पर उसी स्थान पर परिक्रमा करें.
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