ADVERTISEMENTREMOVE AD

समाज पर प्रहार करते महात्मा ज्योतिबा फुले के सशक्त विचार 

महात्मा फुले के जन्मदिवस के मौके पर जानिए उनके कुछ प्रेरक विचार

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक और कार्यकर्ता ज्योतिराव गोविंदराव फुले की पहचान 'महात्मा फुले' और 'ज्‍योतिबा फुले' के नाम से ज्यादा है. सितम्बर 1873 में इन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था बनाई. महिलाओं और दलितों के उत्थान के लिय इन्होंने बहुत से काम किए. समाज के सभी वर्गो को शिक्षा देने के ये प्रबल समथर्क थे. वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के घोर  विरोधी थे.

आज महात्मा फुले के जन्मदिवस के मौके पर आइए आपको उनके कुछ प्रेरक और विचारों से रूबरू करवाते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
महात्मा फुले के जन्मदिवस के मौके पर जानिए उनके कुछ प्रेरक विचार
महात्मा फुले के जन्मदिवस के मौके पर जानिए उनके कुछ प्रेरक विचार
महात्मा फुले के जन्मदिवस के मौके पर जानिए उनके कुछ प्रेरक विचार

संकलन:

तृतीय रत्न (1855), पोवाड़ा: शिवाजी राजे भोंसले यांचा (1869), पोवाड़ा: विद्याखथातिल ब्राह्मण पंतोजी (1869), ब्राह्मणांचे कसब (1869), गुलामगिरी (1873), पुणे सत्य शोधक समाज रिपोर्ट (1877), मेमोरियल एड्रेस्ड टू द हंटर एजुकेशन कमीशन (1882), शतकार्याचा असुदे (1883), लेटर टू मराठी ग्रन्थकार सभा (1885), ग्रामजोश्या संबंधी जाहिर खबर (1886)

ये भी पढ़ें- डॉ.भीमराव अंबेडकर, जिन्होंने बदल दी भारत की तस्वीर

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें