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अक्षय कुमार क्यों हैं इस दौर के ‘भारत कुमार’? 

कुछ वक्त से अक्षय अलग जॉनर में फिल्म बना रहे हैं.इनकी फिल्मों में 1970 के दशक के हीरो मनोज कुमार की झलक नजर आती है.

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अक्षय कुमार बचपन से ही स्टेज परफॉर्मर के लिए जाने जाते थे खास तौर पर डांस के लिए. वैसे तो फिल्मों की शुरुआत अक्षय ने प्रमोद चक्रवर्ती की फिल्म दीदार से की लेकिन 1987 में महेश भट्ट की फिल्म 'आज' में अक्षय ने मार्शल आर्ट इंस्ट्रक्टर का किरदार निभाया. शुरूआती दौर में लोगों ने कहा कि लड़के के पास लुक्स तो हैं, एक्शन भी है. लेकिन शायद एक्टिंग में कमी है और फिर आई अब्बास मस्तान की फिल्म 'खिलाड़ी' जिसने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया और बता दिया बॉलीवुड में एक ऐसे हीरे ने एंट्री मारी है जो एक्शन भी करता है, डांस भी और रोमांस भी. अक्षय ने खिलाड़ी सीरीज की कई फिल्में की, अब फिल्म इंडस्ट्री में अक्षय की इमेज एक्शन हीरो की बन गई थी. लेकिन हेरा-फेरी और भूलभुलैया जैसी फिल्मों ने एक बार फिर से ये साबित कर दिया कि अक्षय के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है.

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कुछ वक्त से अक्षय अलग जॉनर में फिल्म बना रहे हैं. अक्षय की इन फिल्मों में 1970 के दशक के हीरो मनोज कुमार की झलक नजर आती है. चाहे अमिताभ के साथ आई ‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’ की बात हो या फिर ‘हॉलीडे’, ‘गब्बर इज बैक’ और ‘एयरलिफ्ट’ जैसी फिल्मों में अक्षय का नजरिया और लक्ष्य साफ नजर आता है. मनोज कुमार को भी उनके फैंस ‘भारत कुमार’ के नाम से बुलाते थे.

ये नाम उन्हें ऐसे ही नहीं मिल गया था. उन्होंने बॉलीवुड को 'पूरब और पश्चिम', 'उपकार' और 'क्रांति' जैसी कई फिल्में दीं हैं. यही नहीं 70 के दशक में जब देशभक्त वाले एक्टर की बात होती थी तो मनोज कुमार का नाम लिया जाता था. ऐसे ही अक्षय ने अपनी फिल्मों का एक अलग जॉनर बना लिया है. आज अक्षय कुमार के जन्मदिन पर जानिए कि उन्हें इस दौर का भार कुमार क्यों कहा जाता है.

अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

अनिल शर्मा के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म 24 दिसंबर, 2004 में रिलीज हुई थी. ये अक्षय की देशभक्त वाली पहली फिल्म थी. इस फिल्म में आर्मी ऑफिसर के किरदार में अक्षय कुमार का देशभक्त अंदाज आज तक लोगों को याद है. इस फिल्म में अक्षय कुमार ने पाकिस्तान की कैद में फंस जाने वाले भारतीय सेना अफसर का किरदार निभाया था.

हॉलीडे

इस फिल्म में भी आर्मी यूनिफॉर्म में अक्षय का देशभक्त अंदाज देखने को मिला. 2014 में आई ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी. इस फिल्म में एक बार फिर अक्षय कुमार ने एक RAW एजेंट का किरदार निभाया.

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गब्बर इज बैक

गब्बर इज बैक में भ्रष्टाचार और देशद्रोहियों से लड़ते अक्षय कुमार का देशभक्त अंदाज लोगों ने खूब पसंद किया. इस फिल्म में वो एक लीडर हैं, उनकी एक टीम है. सब मिल कर भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ते हैं.

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एयरलिफ्ट

असली घटना पर आधारित ये फिल्म अक्षय कुमार की अब तक की सबसे सफल फिल्मों में से है. एयरलिफ्ट' में देशभक्ति है, परिवार है, एक्शन, इमोशन.. सब कुछ. कुवैत में फंसे भारतीयों को बचाने वाली ऐतिहासिक घटना पर आधारित इस फिल्म में अक्षय जब स्क्रीन पर देश के राष्ट्रीय ध्वज के साथ नजर आते हैं, तो उनके चेहरे का एक्सप्रेशन देखकर हॉल में बैठे दर्शक इस सीन से बंध जाते हैं.

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रुस्तम

रुस्तम ये फिल्म भी एक नेवी ऑफिसर पर आधारित थी. जिस पर संगीन इल्जाम लगते हैं. लेकिन उसकी देशभक्ति ही उसका हथियार बनती है. फिल्म की कहानी मुम्बई के मशहूर नानावटी केस से काफी मिलती जुलती है, जिसमें मर्डर मिस्ट्री, सस्पेंस, थ्रिलर, देशभक्ति जैसे सारे विषय मौजूद थे.

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टॉयलेट एक प्रेमकथा

टॉयलेट एक प्रेमकथा इस फिल्म में अक्षय कुमार देश से जुड़े. अक्षय छोटे लेकिन अहम मुद्दे शौचालय को उठाते नजर आए. फिल्म पिछड़े इलाकों में टॉयलेट की बड़ी समस्या को दिखाती है. सेफ्टी के साथ-साथ सेनिटेशन के मुद्दे को भी इस फिल्म में दर्शाए गया है.

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पैड मैन

पैड मैन में अक्षय कुमार ने महिलाओं के पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं पर बात की. फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा राधिका आप्टे और सोनम कपूर का अहम किरदार है. फिल्म की कहानी तमिलनाडु के पद्म अवॉर्ड विजेता अरुणाचलम मुरुगनाथन की जिंदगी पर आधारित है, जिन्हें मेंस्ट्रुअल मैन के नाम से भी जाना जाता है और जिन्होंने सस्ते सेनेटरी पैड बनाकर पत्नी, बहन और दूसरी महिलाओं को पीरियड्स के समय होने वाली दिक्कतों से छुटकारा दिलाया.

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गोल्ड

अक्षय कुमार की हाल में आई फिल्म गोल्ड में देशभक्त हॉकी कोच के किरदार में नजर आए हैं. फिल्म 'गोल्‍ड' में 1948 में भारत के लंदन ओलिंपिक में शानदार जीत हासिल करने की कहानी दिखाई गई है.

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